अहमदाबाद : देश के फार्मा सेक्टर में 33 फीसदी हिस्सेदारी के साथ गुजरात अग्रणी राज्य : मुख्यमंत्री

अहमदाबाद :  देश के फार्मा सेक्टर में 33 फीसदी हिस्सेदारी के साथ गुजरात अग्रणी राज्य  : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने वडोदरा जिले के करखड़ी में अमी लाइफसाइंसेज के दवा अनुसंधान एवं विकास केंद्र का किया उद्घाटन

गुजरात देश का मैन्यूफैक्चरिंग, ऑटोमोबाइल और फार्मास्यूटिकल हब बना 
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि गुजरात एक पॉलिसी ड्रिवन स्टेट यानी नीति संचालित राज्य है और विकास के प्रत्येक क्षेत्र में नीति आधारित टिकाऊ विकास का आयोजन किया जाता है और इसलिए गुजरात अवसरों की भूमि बना है। सोमवार को वडोदरा जिले की पादरा तहसील के करखड़ी में अमी लाइफसाइंसेज के हाई टेक अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) केंद्र का उद्घाटन करते हुए उन्होंने यह बात कही। उन्होंने कहा कि वडोदरा फार्मास्यूटिकल उद्योग का हब है, तब इस अद्यतन सुविधा से औषधि उद्योग के विकास को और गति मिलेगी। 
मुख्यमंत्री ने पर्यावरण अनुकूल विकास को गुजरात की विशेषता करार देते हुए कहा कि आज गुजरात देश का मैन्यूफैक्चरिंग, ऑटोमोबाइल, फार्मास्यूटिकल, डायमंड और टैक्सटाइल हब बना है। उन्होंने कहा कि भारतीय फार्मा बाजार वॉल्यूम यानी मात्रा के हिसाब से दुनिया में तीसरे नंबर पर और लागत मूल्य की दृष्टि से 13वां सबसे बड़ा मार्केट है। हमारे फार्मास्यूटिकल उद्योग ने किफायती और गुणवत्तायुक्त दवाई देने के मामले में वैश्वविक प्रतिष्ठा अर्जित की है। 
प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने सभी क्षेत्रों में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ‘मेक इन इंडिया’ की अवधारणा को प्रोत्साहन देने की नीति अपनाई है, तब अमी लाइफसाइंसेज इस संकल्पना को साकार करते हुए 40 से अधिक एक्टिव फार्मास्यूटिकल्स इंग्रेडिएंट्स (एपीआई) यानी दवा बनाने में इस्तेमाल होने वाला कच्चा माल तैयार करती है। श्री रूपाणी ने कहा कि अमरीका सहित दुनिया के अनेक देशों में स्वास्थ्य देखभाल के खर्च को कम करने में भारत की जेनेरिक दवाइयों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि गुजरात रोजगार प्रदान करने में पूरे देश में अव्वल स्थान पर है और गैर-गुजरातियों को भी गुजरात में बड़े पैमाने पर रोजगार दे रहा है। 
देश के फार्मा सेक्टर में गुजरात की 33 फीसदी हिस्सेदारी के साथ गुजरात को फार्मास्यूटिकल हब बनाने की प्रतिबद्धता के साकार होने का गौरवपूर्वक उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि देश के फार्मा उद्योग का बाजार आज 39 बिलियन डॉलर से अधिक है जिसमें से 50 फीसदी उत्पादन का विश्व को निर्यात किया जाता है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत-आत्मनिर्भर गुजरात का लक्ष्य मेडिकल उपकरण और दवा उद्योग में हासिल करने के लिए राजकोट के निकट मेडिकल डिवाइस पार्क और अंकलेश्वर में बल्क ड्रग प्रोडक्शन पार्क स्थापित किए जा रहे हैं। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में गुजरात औद्योगिक विकास निगम (जीआईडीसी) के मार्फत उद्योगों के लिए आधारभूत सुविधाएं मुहैया कराई हैं, जिसके चलते गुजरात आज विदेशी पूंजीनिवेश का श्रेष्ठ गंतव्य बना है। 
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के 45 साल के शासन के दौरान गुजरात में केवल 9 यूनिवर्सिटियां थीं। प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अनेक नई यूनिवर्सिटियों की स्थापना की गई है। विशेष रूप से पेट्रोलियम, मरीन, फोरेंसिक साइंस और रक्षा शक्ति जैसी सेक्टोरल यूनिवर्सिटियां शुरू कर गुजरात ने विकसित हो रहे उद्योगों के लिए आवश्यक कुशल मानव संपदा का प्रबंध किया है। शोध योजना के जरिए विद्यार्थियों को संशोधन के क्षेत्र में करियर निर्माण के लिए प्रोत्साहित किया है। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है, ऐसे में कोरोना जैसे रोग सहित कैंसर, डायबीटिज, क्रोनिक और असाध्य रोगों की दवाइयां हमारे फार्मास्यूटिकल क्षेत्र के अनुसंधान एवं विकास से देश और दुनिया को मिली हैं। 
उन्होंने कहा कि हमें इस बात का भी गर्व हो सकता है कि गुजरात की जायडस कैडिला कंपनी ने कोरोना रोधी वैक्सीन तैयार की है। शताब्दी में एक बार आने वाली कोरोना जैसी महामारी के दौरान भी फार्मास्यूटिकल प्रोडक्शन हब के तौर पर गुजरात के फार्मा उद्योगों ने अनूठा योगदान दिया है। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात में विभिन्न फार्मा कंपनियां अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों के संसाधन भी विकसित कर रही हैं। आज अमी लाइफसाइंसेज के रूप में उस कड़ी में एक और नाम जुड़ गया है। उन्होंने विश्वास जताया कि नए रोगों और उसके उपचार के लिए नई दवाइयों के उत्पादन में इस्तेमाल किए जाने वाले मॉलिक्यूल्स पर अमी लाइफसाइंसेज के आज से कार्यरत हो रहे आरएंडडी सेंटर में होने वाला संशोधन मानवजाति के लिए उपयोगी एवं जीवन रक्षक साबित होगा। 
कंपनी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) गिरीश चोवटिया ने मुख्यमंत्री एवं मेहमानों का स्वागत करते हुए कहा कि यह स्टेट ऑफ आर्ट रिसर्च यूनिट है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और मुख्यमंत्री  विजय रूपाणी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की उद्योग अनुकूल नीति के प्रोत्साहन से फार्मा उद्योग अभूतपूर्व विकास के मार्ग पर अग्रसर है और रोजगार एवं स्वास्थ्य रक्षा के साथ आत्मनिर्भर भारत के अभियान में योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि वडोदरा जिले के सावली में करखड़ी से चार गुनी ज्यादा सुविधा के साथ दो हजार से अधिक लोगों को रोजगार देने की कंपनी की योजना है। 
उल्लेखनीय है कि अमी लाइफसाइंसेज के संस्थापक गिरीशभाई चोवटिया ने कड़े परिश्रम से यह मुकाम हासिल किया है। 1998 में छोटे पैमाने पर स्वयं की ट्रेडिंग कंपनी शुरू करने के बाद सिर्फ पांच साल में यानी 2002 में एक अन्य कंपनी खरीदकर प्रोडक्शन के क्षेत्र में कूदने का साहस उनके जुनून को दर्शाता है। 
दो हजार वर्गफीट क्षेत्र में शुरू हुई अमी लाइफसाइंसेज का आज 1 लाख 22 हजार वर्गमीटर क्षेत्र में विस्तार हुआ है। ग्लोबल फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में 500 करोड़ रुपए के टर्नओवर के साथ कंपनी 1000 लोगों को रोजगार भी दे रही है। कंपनी हृदय रोग, डायबिटीज, उच्च रक्तचाप के उपचार में उपयोगी दवाइयों का कच्चा माल (एपीआई) तैयार कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष कंपनियों सहित 600 से अधिक ग्राहकों के साथ दुनिया के 60 देशों में कारोबार कर रही है। 
इस अवसर पर नर्मदा विकास राज्य मंत्री  योगेशभाई पटेल, सांसद श्रीमती रंजनबेन भट्ट, गीताबेन राठवा, विधायक सर्वश्री मनीषाबेन वकील, सीमाबेन मोहिले, जिला पंचायत अध्यक्ष अशोकभाई पटेल, कई पदाधिकारी, कलक्टर  आर.बी. बारड, जिला विकास अधिकारी डॉ. राजेन्द्र पटेल, जिला पुलिस अधीक्षक सुधीर देसाई और पादरा क्षेत्र की औद्योगिक इकाइयों के प्रतिनिधि और पदाधिकारी उपस्थित थे। 
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