पिता की मौत के बाद बड़ा भाई बन कर पाला अपनी सभी बहनों को, एक दूसरे को राखी बांध कर मनाती है रक्षाबंधन

पिता की मौत के बाद बड़ा भाई बन कर पाला अपनी सभी बहनों को, एक दूसरे को राखी बांध कर मनाती है रक्षाबंधन

जीवन की हर परिस्थिति में एक दूसरे के साथ रहने की खाई कसम

वैसे तो रक्षाबंधन भाई बहन का एक पवित्र त्योहार है। राखी बांधकर हर बहन अपने भाई से उसकी रक्षा करने का वचन लेती है। पर आज हम आपको एक ऐसे परिवार की बात करने जा रहे है, जिसमें एक बड़ी बहन ने ही अपने पिता की मृत्यु के बाद बड़ा भाई बन कर अपनी बड़ी बहन सहित अपनी तीन बहनों को पाल रही है। अपनी बड़ी बहन को पालने वाली छोटी बहन राजल बारोट ने अपनी सभी बहनों की पिता जैसी ही देखभाल की थी। 
विस्तृत जानकारी के अनुसार, साल 2006 में मणिराज बारोट की मृत्यु हो गई थी। पिता की मृत्यु हो जाने के बाद पूरे परिवार पर मानों आसमान गिर गया हो। परिवार में मात्र चार बहन ही रह गई थी। हालांकि इस कठिन समय में भी राजल बारोट ने हिंमत नहीं हारी। गायक पिता की कलाकारी राजल में आ गई थी। शुरुआत में राजल ने छोटे मोटे शो किए और इसके बाद गरबा और विभिन्न स्थलों पर होने वाले डायरे में भी वह हिस्सा लेने लगी। आज राजल बारोट एक प्रख्यात गायिका बन गई है। 
राजल ने अपने संघर्ष के दौरान भी उन्होंने अपनी एक भी तकलीफ अपनी बहनों तक नहीं आने दी थी। बड़ी बहन का ख्याल भी राजल ने ही रखा। अपनी छोटी बहनों की सभी जरूरतों को राजल ने पूर्ण किया था। तीनों बहनों को भी राजल के साथ होने से कभी भी भाई की कमी नहीं हुई। राजल ने भी अपनी बहनों की बड़ी बहन के तौर पर ही सुरक्षित रखा था। 2 साल पहले ही राजल ने अपनी बड़ी बहन की धूमधाम से शादी की थी।
अपनी छोटी बहनों की पढ़ाई की ज़िम्मेदारी भी राजल पर ही है, जो वह कोई भी कमी रखे बिना पूरी कर रही है। रक्षाबंधन में बहन भाई के घर पर जाकर राखी बांधती है। जबकि राजल और उनकी तीन बहन अपने घर पर ही एक दूसरे को राखी बांधती है। सभी बहन एक दूसरे के साथ ही रहने का वचन देती है। जीवन में कैसी भी परिस्थिति आए पर एक दूसरे की परछाई बन कर खड़ी रहने का वचन दे रही है। 
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