अहमदाबादः गुजरात को ‘मेडिकल टूरिज्म’ हब के तौर पर पूरी दुनिया में स्थापित करने की दिशा में राज्य सरकार सतत प्रयासरत

अहमदाबादः गुजरात को ‘मेडिकल टूरिज्म’  हब के तौर पर पूरी दुनिया में स्थापित करने की दिशा में राज्य सरकार सतत प्रयासरत

‘कोरोना के खिलाफ जंग में डॉक्टरों ने न केवल समय का त्याग किया बल्कि नागरिकों की सेवा करते हुए अपने प्राणों की आहुति भी दी है’

मुख्यमंत्री  विजय रूपाणी ने नेशनल डॉक्टर्स डे के अवसर पर डॉक्टरों को दी शुभकामनाएं
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने नेशनल डॉक्टर्स डे के अवसर पर कोरोना के मौजूदा हालात में कोरोना वॉरियर्स के रूप में सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे नेशनल मेडिकल एसोसिएशन के डॉक्टरों की सेवाओं की सराहना करते हुए सोशल मीडिया के माध्यम से डॉक्टरों का आभार व्यक्त कर उन्हें शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर साल 1 जुलाई को डॉ. बिधानचंद्र (बीसी) रॉय के जन्मदिन के अवसर पर उनकी याद में डॉक्टर्स डे मनाया जाता है। डॉक्टर मरीज का समुचित उपचार कर उन्हें स्वस्थ करते हैं उसके लिए आज का दिन उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का दिन भी है। पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री के रूप में भी डॉ. बीसी रॉय की सेवाओं का उन्होंने स्मरण किया। 
उन्होंने कहा कि जब देश पर प्राकृतिक या मानव सृजित आपदा आती है, उस स्थिति में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सभी सदस्य अविरत सेवा करने को तत्पर रहते हैं। स्वतंत्रता आंदोलन में भी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सदस्यों ने अपना सक्रिय योगदान दिया था। चिकित्सा बिरादरी पिछले डेढ़ वर्ष से लगातार कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है जो तारीफ के काबिल है। 
श्री रूपाणी ने कहा कि विश्वव्यापी कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई किसी जंग से कम नहीं है। युद्ध के दौरान एक सैनिक अपनी वीरता का परिचय देता है, उसी तरह चिकित्सा जगत के योद्धा कोरोना के विरुद्ध लड़ रहे हैं और फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर्स बने हैं। सरहद पर जंग के मैदान में तो दुश्मन को देखा जा सकता है, उस पर प्रहार कर विजय हासिल की जा सकती है। लेकिन कोरोना वायरस नामक यह दुश्मन तो अदृश्य है। शरीर के किस कोने में छुपकर बैठा है यह देखा नहीं जा सकता। किस व्यक्ति में इस वायरस की कितनी संवेदनशीलता-गंभीरता है, यह तय करना कठिन बन गया है। ऐसी सभी प्रतिकूल परिस्थितियों के बीच सफेद रंग के पीपीई किट से लैस योद्धा स्वरूप डॉक्टर अविरत सेवाएं दे रहे हैं। कोरोना के खिलाफ जंग में अपना जोश और जज्बा बताते हुए वायरस को शरीर से भगाने का निरंतर प्रयास कर रहे हैं। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की वैश्विक महामारी के शुरुआती दिन से ही कोरोना की लड़ाई में गुजरात सहित देशभर के डॉक्टर पिछले डेढ़ वर्ष से दिन-रात लगे हुए हैं। अपने परिवार की चिंता किए बगैर समाज और राष्ट्र की सेवा कर अनगिनत नागरिकों की जिंदगी उन्होंने बचाई है। 
उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग में हमारे डॉक्टरों ने न सिर्फ समय का त्याग किया है बल्कि देश के नागरिकों की सेवा करते हुए अपने प्राणों की आहुति भी दी है। उन्होंने कोरोना मरीजों का उपचार करते हुए अपनी जिंदगी कुर्बान करने वाले सभी डॉक्टरों को सच्चे शहीद के रूप में शत शत प्रणाम भी किया। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रशंसनीय कार्य किया है। गुजरात को ‘मेडिकल टूरिज्म’ के हब के तौर पर पूरी दुनिया में स्थापित करने की दिशा में राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है। माता के गर्भ से लेकर वृद्धावस्था तक लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए अनेक योजनाओं का असरदार क्रियान्वयन किया गया है। 
इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र में 20 मिनट में और ग्रामीण क्षेत्र में 25 मिनट में 108 इमरजेंसी सेवा का लाभ गुजरात की जनता को मिल रहा है। आज पूरे देश में ‘आयुष्मान भारत कार्ड’ दिया जा रहा है, उसकी शुरुआत ‘मा कार्ड’ के रूप में गुजरात में हुई थी जब नरेन्द्र मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे देश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में गुजरात मॉडल लागू किया जा रहा है जो गुजरात की सफलता है और इस सफलता में चिकित्सा जगत भी राज्य सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मजबूती के साथ खड़ा रहा है। मुख्यमंत्री ने डॉक्टर्स डे के अवसर पर पूरी चिकित्सा बिरादरी को शुभकामनाएं दी। 
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