अहमदाबाद : कोरोना से अनाथ हुए बच्चों का आजीवन मुफ्त इलाज करेगा ये अस्पताल

अहमदाबाद : कोरोना से अनाथ हुए बच्चों का आजीवन मुफ्त इलाज करेगा ये अस्पताल

राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात में 38 बच्चे ऐसे हैं जिन्होंने अपने माता-पिता को कोरोना के कारण खो दिया है।

कोरोना महामारी के कारण बहुत से लोगों की मौत हुई हैं और कई लोगों ने अपनों को खो दिया है। किसी ने अपना भाई, माता, बहन,पत्नी, बच्चें तो किसी ने अपना पिता खो दिया जबकि कुछ बच्चों ने माता-पिता की छत्रछाया खो दी है। ऐसे में कुछ दिन पहले, अहमदाबाद और सूरत के कुछ स्कूलों ने फैसला किया था कि जिन छात्रों के माता-पिता की मृत्यु हो गई है, उन्हें कक्षा -12 तक मुफ्त शिक्षा दी जाएगी। अब अहमदाबाद का एक अस्पताल अनाथों की मदद के लिए सामने आया है। अस्पताल ने फैसला किया है कि कोरोना से अनाथ बच्चों को जीवन भर मुफ्त इलाज मुहैया कराया जाएगा।
राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात में 38 बच्चे ऐसे हैं जिन्होंने अपने माता-पिता को कोरोना के कारण खो दिया है। इसके अलावा, 395 बच्चों ने अपने माता या पिता में से किसी एक को खो दिया है। राज्य में 434 बच्चे कोरोना महामारी के कारण परिवार के सदस्यों को खोकर कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं।
इस बारे में अस्पताल के अध्यक्ष डॉ रोहित जोशी ने कहा कि मुसीबत की घड़ी में इन बच्चों की मदद के लिए अहमदाबाद के आरएनए अस्पताल ने फैसला किया है कि अस्पताल कोरोना महामारी के बीच अनाथ बच्चों का जीवन भर मुफ्त इलाज करेगा। । यह बहुत चुनौतीपूर्ण है इसलिए हम इन बच्चों की मदद कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम केयर फंड के जरिए ऐसे बच्चों की मदद करने की घोषणा की है। साथ ही विभिन्न शिक्षण संस्थानों ने भी बच्चों को शिक्षा देने की व्यवस्था की है। संकट के समय हमें जो मदद चाहिए, उसे उपलब्ध कराने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने आगे कहा कि एक विशेषज्ञ के तौर पर यह हमारा कर्तव्य है कि दुख की इस घड़ी में अनाथों की मदद करें। बच्चे हमारा भविष्य हैं। हम एक स्वस्थ भारत के निर्माण के लिए एक साथ काम कर रहे हैं। साथ ही कोरोना के कारण अनाथ हो चुके बच्चों को खोजने के लिए आरएनए अस्पताल की ओर से पहल की जाएगी।
 इसके अलावा, माता-पिता को भी व्यक्तिगत रूप से इस पहल के बारे में सूचित किया जाएगा। सरकार की ओर से यह भी तय किया गया है कि राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत अनाथ बच्चों को उनके घर पर ही कोरोना वायरस का टीका उपलब्ध कराया जाएगा। वहीं, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 1742 बच्चे कोरोना से अनाथ हो गए हैं और 7407 बच्चों ने अपने माता-पिता की आजीविका खो दी है।