अहमदाबाद : क्या बिल्डिंग यूज़ सर्टीफिकेट के बिना चल रहे अस्पतालों में अब कार्रवाई होगी?

अहमदाबाद : क्या बिल्डिंग यूज़ सर्टीफिकेट के बिना चल रहे अस्पतालों में अब कार्रवाई होगी?

अदालत ने एएमए द्वारा दायर एक आवेदन को खारिज कर दिया

अहमदाबाद के करीब 200 अस्पताल इस समय खतरे में हैं। अहमदाबाद उच्च न्यायालय की एक पीठ ने अहमदाबाद मेडिकल एसोसिएशन (एएमए) द्वारा अहमदाबाद नगर निगम द्वारा उन्हें दिए गए नोटिस के खिलाफ अस्पतालों के खिलाफ दायर एक आवेदन को खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने उन नौ अस्पतालों को रोकने की एएमएसी की मांग को भी खारिज कर दिया है, जिनके खिलाफ वह कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है। हालांकि, जैसा कि याचिकाकर्ता ने इन अस्पतालों में मरीजों के लिए अन्य व्यवस्था करने के लिए समय मांगा था, उच्च न्यायालय की पीठ ने एएमसी को 15 जून तक उनके आदेश पर कोई कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया, जिसके बाद एएमसी कानून के अनुसार कार्रवाई कर सकती है।
उच्च न्यायालय ने अपने अवलोकन में कहा कि एएमसी द्वारा प्रस्तुत चार्ट में दिखाए गए अस्पतालों के पास मान्यता प्राप्त बीयू अनुमोदन नहीं है। साथ ही आवेदक अस्पताल मान्यता प्राप्त बीयू अनुमोदन प्रस्तुत नहीं कर सके हैं। अधिकांश आवेदकों ने जीपीएमसी अधिनियम-12 के प्रावधानों का अनुपालन नहीं किया है। अस्पतालों ने सीजीडीसीआर के प्रावधान का उल्लंघन किया है। साथ ही अदालत ने कहा कि ऐसा लगता हैं कि कई अस्पतालों ने न तो फायर एनओसी और न ही बीयू ने मंजूरी लेने के लिए ठोस प्रयास किए हैं। ऐसे एएमसी ने सबमिशन के बाद उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया है।
अहमदाबाद नगर निगम द्वारा अस्पतालों को दिए गए नोटिस के खिलाफ अस्पतालों के खिलाफ दायर एक आवेदन को खारिज करते हुए उच्च न्यायालय ने अस्पतालों से पूछा कि यदि अग्नि सुरक्षा के लिए एनओसी है, लेकिन बीयू की अनुमति नहीं है, तो किस आधार पर आपको राहत दी जाए? साथ ही अदालत ने बीयू की मंजूरी के बिना अग्नि सुरक्षा की एनओसी होने पर प्रश्न उठाया। अदालत का कहना था कि अगर बीयू स्वीकृत नहीं है तो अग्नि सुरक्षा को रद्द क्यों नहीं किया जाना चाहिए? साथ ही अदालत ने  आवासीय भवनों में अस्पताल को मान्य नहीं किया। ऐसे अस्पतालों को कानून के प्रावधानों के अनुसार अमान्य मानते हुए अदालत ने कहा कि ऐसे अप्स्तालों को अनुमति नहीं दी जा सकती है। साथ ही अदालत ने बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करने के लिए अस्पताल को पर्याप्त समय दिया गया था तो उन्होंने इस बारे में कोई कदम क्यों नहीं उठाया? 
हालांकि अदालत में अपना पक्ष रखते हुए अस्पतालों ने शहर में बिना फायर एनओसी या बीयू की मंजूरी के चल रहे लगभग 400 अस्पतालों का जीकर किया। इसके अलावा अस्पताल ने अदालत में बताया कि शहर की हजारों इमारतों में फायर एनओसी या बीयू की मंजूरी नहीं है पर फिर भी उन जगहों पर सालों से काम चल रहे हैं। इसके अलावा एक अहम मुद्दा उठाते हुए अस्पताल प्रतिनिधि ने कहा कि एएमसी ने केवल कुछ अस्पतालों को नोटिस भेजा लेकिन इसके साथ उन्हें पर्याप्त समय नहीं दिया गया। साथ ही एएमसी पर मानवीय आधार पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है।
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