अहमदाबाद : सरकारी स्कूल की तरफ आकर्षित हो रहे है अभिभावक, सात साल में 34 हजार बालक निजी स्कूलों में से शिफ्ट हुये

अहमदाबाद : सरकारी स्कूल की तरफ आकर्षित हो रहे है अभिभावक, सात साल में 34 हजार बालक निजी स्कूलों में से शिफ्ट हुये

डिजिटल और हाइटेक शिक्षा के कारण बदल रहा है सरकारी स्कूल के प्रति लोगों का नजरिया

कोरोना वायरस महामारी के दौरान कई लोगों ने निजी स्कूलों में से अपने बालकों को निकालकर सरकारी स्कूल में डालने की वैकल्पिक सोच को अपनाया है। हालांकि माता-पिता की यह सोच मात्र महामारी के समय से ही नहीं पर पिछले कई सालों से सामने आई है। बता दे की पिछले सात वर्षों में अहमदाबाद नगर प्राथमिक शिक्षा समिति द्वारा संचालित स्कूलों में कुल 34,000 छात्रों ने निजी स्कूलों को छोड़कर सरकारी स्कूलों में प्रवेश लिया है। 2020-21 के समय में यह आंकड़ा 3334 छात्रों का था।
अधिकारियों के मुताबिक मुफ्त शिक्षा और डिग्री वाले शिक्षकों ने लोगों को सरकारी स्कूलों पर भरोसा करने के लिए प्रेरित किया है। अधिकारियों का दावा है कि आर्थिक स्थिति और सरकारी स्कूलों द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधाओं के कारण निजी स्कूलों से सरकारी स्कूलों में आने वाले छात्रों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। अहमदाबाद के शासनधिकारी एल डी देसाई ने कहा की सरकार की विभिन्न नीतियों के कारण माता-पिता सरकारी स्कूल की तरफ अधिक आकर्षित हुये है और निजी स्कूलों के अलावा भी वहाँ एडमिशन लेने के बारे में सोच रहे है। 
सरकारी स्कूल में पढ़ने से बच्चों को कई तरह की योजनाओं का लाभ मिलता है, जैसे कि पाठ्यपुस्तकें, मध्याहन भोजन और छात्रवृत्ति। जिससे अभिभावकों का आर्थिक बोझ कम होता है। ऐसी कई बातें हैं जो शिक्षक बच्चों के माता-पिता तक पहुंचाते है। दूसरी ओर, सरकारी स्कूलों में निजी स्कूलों के जितनी फीस नहीं होती, साथ ही डिजिटल और हाईटेक शिक्षा का इस्तेमाल अभिभावको को सरकारी स्कूलों में बच्चों का एडमिशन करवाने पर अधिक सोचने पर मजबूर कर रहा है। निजी स्कूलों से सरकारी स्कूल में आने वाले ज्यादातर छात्र अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों से हैं। इसके बाद गुजराती मीडियम का क्रम आता है।
नगर प्राथमिक शिक्षा समिति द्वारा दाखिले बढ़ने के साथ स्कूलों की संख्या हर साल बढ़ रही है। मात्र अहमदाबाद में ही इस साल दस नए स्कूल शुरू किए जाएंगे। नए शैक्षणिक सत्र में प्रवेश की जिम्मेदारी भी शिक्षकों को सौंपी गई है। ये शिक्षक हर क्षेत्र में जाकर अभिभावकों से मिल कर सरकारी स्कूलों में दाखिले से होने वाले फायदों के बारे में बता रहे हैं। शिक्षकों को कर्मचारियों के बारे में जो गलतफहमिया है वह भी को दूर करने के लिए भी कहा गया है। नगर प्राथमिक शिक्षा समिति के अध्यक्ष धीरेंद्रसिंह तोमर का कहना है कि सरकारी स्कूलों में भी अब निजी स्कूलों की तरह खेल के मैदान, हाई-टेक शिक्षण कक्षाएं, स्वच्छता और योग्य शिक्षकों की उपस्थिती के कारण लोगों का ध्यान आकर्षित हुआ है।  वर्ष 2014-15 में 4,397 छात्र, 2015-16 में 5,481 छात्र, 2016-17 में 5,005 छात्र, 2017-18 में 5,219 छात्र, 2018-19 में 5,791 छात्र, 2019-20 में 5,272 छात्र और 2020-21 में 3,334 छात्रों ने निजी स्कूलों में से अपना दाखिला निकलवाकर सरकारी स्कूल में एडमिशन लिया है।
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