अहमदाबाद: इस श्मशान के लोहे के ग्रिल को ठंडा करने के लिए मंगाने पड़ रहे हैं पानी टेंकर

अहमदाबाद: इस श्मशान के लोहे के ग्रिल को ठंडा करने के लिए मंगाने पड़ रहे हैं पानी टेंकर

24 घंटे काम कर रहे हैं श्मशान, शवदाह से कमजोर पड़ रही हैं लोहे की चिमनियां और ग्रिल्स

गुजरात में कोरोना संक्रमित मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। कोरोना महामारी के बीच लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। राज्य में 1 मई को 13,847 नए संक्रमित मामले दर्ज किए गए जबकि 10,582 लोग ठीक हुए हैं। राज्य में कोरोना से रिकवरी दर 73.78 प्रतिशत है। वर्तमान में राज्य में 1,42,139 सक्रिय मामले हैं। 639 लोगों का इलाज चल रहा हैं और अब तक 7,355 लोग कोरोना के कारण मर चुके हैं।
आपको बता दें कि वर्तमान में राज्य में सबसे अधिक मामले अहमदाबाद में हैं, इसके बाद सूरत, राजकोट और वडोदरा हैं। ऐसे में राज्य में संक्रमित मामले बढ़ने के साथ साथ मरने वाले लोगों में भी वृद्धि हुई है। ऐसे में प्रमुख शहरों के श्मशान 24 घंटे काम कर रहे है। ऐसे में अहमदाबाद शहर में हाटकेश्वर क्षेत्र में श्मशान में चिताओं पर रखे गए लोहे के सरिये बहुत गर्म हो जाते है और यही कारण है कि लोग भी जल जाते हैं। ऐसे में अहमदाबाद नगर निगम द्वारा इनको ठंडा करने के लिए पानी के टैंकरों का उपयोग किया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, अहमदाबाद में हाटकेश्वर श्मशान में चीता पर एक साथ आठ लाशें रखकर अंतिम संस्कार किया जाता हैं और यही कारण है कि वहां के लोहे के छड़ बहुत गर्म हो जाता है। दूसरी ओर कोरोना से मरने वाले लोगों का शवों का अंतिम संस्कार एक सीएनजी भट्ठी में किया जाता है। ये अंतिम संस्कार 24 घंटे चल रहे है। इससे भट्ठी और लोहे की ग्रिल गर्म हो जाती है और यही कारण है कि अहमदाबाद नगर निगम द्वारा पानी के टैंकर श्मशान में भेजे जा रहे हैं। श्मशान की भट्टियों में लोहे के गर्म होने से पानी की मदद से ठंडा किया जाता है।
उल्लेखनीय है कि कुछ श्मशानों में चिमनी के पिघलने के मामले भी पाए गए हैं। कुछ दिनों पहले, सूरत के जहांगीरपुरा क्षेत्र में कुरुक्षेत्र श्मशान में एक लोहे की चिमनी ओवरहिटिंग के कारण ढह गई।