महामारी में बने मौत के सौदागर, इन युवकों ने 5000 नकली रेमड़ेसिविर बेची

महामारी में बने मौत के सौदागर, इन युवकों ने 5000 नकली रेमड़ेसिविर बेची

अहमदाबाद से सामने आया नकली इंजेक्शन बेचने का सबसे बड़ा कौभांड

देश भर में कोरोना ने अपना कहर ढाया हुया है। बावजूद इसके कई लोगों द्वारा इस महामारी के दौरान भी लोगों की मजबूरी का फ़ायदा उठाया जा रहा है। ऐसे में अहमदाबाद क्राइम ब्रांच द्वारा नकली इंजेक्शन बेचने वाले सात लोगों को पकड़ लिया गया है। जिनके पास से 130 से भी अहिक इंजेक्शन और 21 लाख रुपए जप्त किए गए है। 
विस्तृत जानकारी के अनुसार, अहमदाबाद क्राइम ब्रांच को जानकारी मिली थी की चाँदखेड़ा में सनप्रीत नाम का व्यक्ति जय ठाकुर को इंजेक्शन देने के लिए आ रहा है। जिसके आधार पर पुलिस ने वॉच रखकर दोनों को दबोच लिया था। जिनके पास से हीटीरो कंपनी के 20 इंजेक्शन मिल आए थे। सनप्रीत की पूछताछ में पुलिस को पता चला की उसने यह इंजेक्शन पालड़ी में रहने वाले अपने मित्र राज वोरा के पास से खरीदी थी। क्राइम ब्रांच ने इस जानकारी की बिनाह पर जब राज वोरा के घर जांच की तो वहाँ से उन्हें 10 इंजेक्शन मिल आए।
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo : IANS)
 
इसके बाद क्राइम ब्रांच ने राज की पूछताछ की, जिसने वस्त्रापुर की हयात होटल में रहने वाले मितेश जोशी की जानकारी दी थी। जिसके पास से 103 इंजेक्शन और 21 लाख कैश जप्त किए थे। मितेश ने बताया की यह इंजेक्शन दिशांत पटेल और विवेक माहेश्वरी से मिला था। जो की टेट्रासाइकल का 100 रुपए का इंजेक्शन खरीद कर उस पर रेमड़ेसिविर का इंजेक्शन लगा देते थे। जिसके बाद वह उसकी कालाबाजारी कर उसे ऊंची कीमत पर बेच देते थे। पुलिस ने स्टिकर लाग्ने वाले व्यक्ति सहित सात जन को हिरासत में लिए है। जिनके पास से 133 नकली दवाओं के साथ 21 लाख रुपए जप्त किए थे। जबकि एक आरोपी अभी भी फरार है। 
पूछताछ में यह बात भी सामने आई नीलेश द्वारा लगभग 400 इंजेक्शन 20 से 30 हजार की कीमत में बेचे गए थे। सभी आरोपियों ने मिलकर अहमदाबाद, राजकोट, वडोदरा तथा गुजरात के अन्य इलाकों में घूमकर लगभग 5000 इंजेक्शन लोगों को बेचे थे। 
फरार विवेक माहेश्वरी मेडिकल डिस्ट्रीब्यूटर का काम करता है और वह कई लोगों के पहचान में था। इसके अलावा पारिल पटेल जो की प्रिंटिंग का काम करता है और फार्मा कंपनियों के साथ जुड़ा हुआ है। इसके पहले कोरोना की पहली लहर के दौरान यह सबै मास्क और थर्मल गण बेचते थे। पुलिस ने सभी को हिरासत में लेकर उनके खिलाफ मानववध का केस दर्ज करने की कवायद शुरू की है।