अहमदाबादः गुजरात में लॉकडाउन को लेकर वायरल पत्र फर्जी, जानें गृह विभाग ने क्या कहा

गृह विभाग ने स्पष्ट किया है कि गुजरात में 11 अप्रैल से लॉकडाउन संबंधी सोशल मीडिया पर वायरल पत्र में कोई सच्चाई नहीं है

 गृह विभाग ने स्पष्ट किया है कि गुजरात में 11 अप्रैल से लॉकडाउन संबंधी सोशल मीडिया पर वायरल पत्र में कोई सच्चाई नहीं है। आपातकालीन सूचना के शीर्षक से जारी यह पत्र पूरी तरह फर्जी है।  इस पत्र गुजरात के छह बड़े शहरों में 11 अप्रैल से 17 अप्रैल तक राज्य संपूर्ण लॉकडाउन का सरकार के फैसले का उल्लेख किया गया है।  राज्य सरकार के गृह विभाग के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया है कि सरकार की ओर से ऐसा कोई न तो फैसला किया गया है और नहीं लॉकडाउन की फिलहाल कोई योजना है| गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पंकजकुमार के नाम और हस्ताक्षर के साथ जारी यह पत्र पूरी तरह फर्जी है।  गृह विभाग के प्रवक्ता ने इस पत्र को लेकर भ्रमित नहीं होने की अपील की है।  यह पत्र किसने वायरल किया है, इसके जांच शुरू कर दी गई है। ऐसा कोई पत्र सोशल मीडिया के जरिए आप तक पहुंचता है तो उसे बगैर सोचे-समझे वायरल नहीं करने का गुजरात के नागरिकों से गृह विभाग के प्रवक्ता ने अपीलकी है।  गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर लॉकडाउन को लेकर एक पत्र जारी हुआ है। गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के नाम से जारी इस पत्र में लिखा है “राज्य में कोविड 19 के मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है, जिसे देखते हुए सरकार ने जो रात्रिकालीन कर्फ्यू लगाया है, उससे कोई खास परिणाम नहीं मिले। इसलिए गृह विभाग द्वारा छह  बड़े शहर अहमदाबाद, वडोदरा, गांधीनगर, राजकोट, भावनगर और सूरत में 11 अप्रैल से 17 अप्रैल तक संपूर्ण लॉकडाउन का सरकार ने फैसला किया है। पत्र में कहा गया है कि केवल आपातकालीन सेवा ही जारी रहेंगी और शहर में प्रवेश और निषेध के लिए जिला मजिस्ट्रेट की मंजूरी लेनी होगी। लॉकडाउन के दौरान निर्दिष्ट शहरों में लॉकडाउन के नियमों का सख्ती से पालन कराने की जिम्मेदरी संबंधित शहर के पुलिस अधीक्षक और पुलिस उपाधीक्षक की होगी। गृह विभाग के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया है कि गृह विभाग की ओर से ऐसा कोई आदेश नहीं दिया है, इसलिए लोग ऐसी अफवाहों से दूर रहें।

Tags: