बुजुर्ग विधवा को नहीं मिल रही थी पेंशन, तो खटिया सहित कचहरी पहुंचे, पेंशन शुरू हो गई!

2 साल से अटका हुआ है पेंशन, अधिकारियों की लापरवाही के कारण हुई देरी

आए दिन सरकारी कर्मचारियों की आलस और लापरवाही के कई किस्से हमारे सामने आते रहते है। एक ऐसा ही किस्सा विसनगर के वालम गाँव से सामने आया था। जहां एक वृद्धा की कई दिनों पहले ही मंजूर हो चुकी विधवा सहाय योजना शुरू नहीं की गई। वृद्धा द्वारा करी बार आवेदन करने के बावजूद भी सरकारी कर्मचारियों के पेट का पानी बिलकुल भी नहीं हिला था। जिसके चलते सरकारी बाबुओं को उनकी गलती का एहसास दिलाने के लिए गाँव के कुछ लोग वृद्धा को खाट पर लेकर ही कचहरी में पहुंचे थे। 
निसंतान वृद्धा मजदूरी करके करती थी गुजारा
विस्तृत जानकारी के अनुसार, 57 वर्षीय वृद्धा शांताबेन मंगाजी ठाकुर जिनकी कोई भी संतान नहीं है। 2005 में पति की मृत्यु हो जाने के कारण वृद्धा मजदूरी कर अपना जीवन गुजार रही थी। सरकार द्वारा शुरू की गई विधवा सहाय योजना के लिए वृद्धा ने 22 मार्च 2019 में आवेदन किया था, जो की 9 अप्रैल 2019 में स्वीकार्य हो गई थी। पर विसनगर के मामलतदार के लापरवाही भरे व्यवस्थापन के कारण आज तक इस वृद्धा को इसका सहाय नहीं मिला है। 
खाट सहित कचहरी में ले गए वृद्धा को 
कुछ दिन पहले मजदूरी करते करते शांताबेन गिर गए थे। इसके कारण उनकी कमर क्रेक हो गई थी और अब ना ही वो चल पा रहे है और ना ही बैठ पा रहे है। इसलिए उन्हें खुद का पेट पालना भी मुश्किल हो चुका है। ऐसे में वालम गाँव के कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा उन्हें खाट के साथ ही विसनगर की प्रांत कचहरी तक ले गए थे। जहां सामाजिक नेता अनिल पटेल ने अधिकारियों के सामने अपनी बात रखी थी। इसके बाद महिला का पेंशन शुरू कर दिया गया है। अधिकारियों ने आश्वासन दिलाया कि अब तक का रुका हुआ पेंशन उन्हें एक साथ मिल जाएगा, जबकि उसके बाद नियमानुसार पेंशन मिलता रहेगा। 
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