गुजरात : बुजुर्ग मां-बाप को जानबूझकर त्याग देने वालों की खैर नहीं!

अप्रैल तक होगा 42500 सीनियर सिटीजन्स का पंजीकरण

अब किसी भी व्यक्ति द्वारा यदि उनके बुजुर्ग माँ बाप को जानबूझकर त्यागा गया तो उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। साल 2007 में बनाए कानून के अनुसार यदि कोई भी अपने नुजुर्ग माँ-बाप को छोड़ देता है तो उसे 3 महीने की कैद और 500 रुपए दंड की सजा हो सकती है। हेबतपुर में हुये वृद्ध दंपति की हत्या के घटना के बाद समग्र गुजरात में पुलिस एक महीने के अंदर 42500 सीनियर सिटीजन्स का पंजीकरण करने जा रही है। 
तीन महीने की कैद और 500 रुपए का दंड होगा
समाज में कई ऐसे सीनियर सिटीजन है, जिनके संतान उनके साथ नहीं रहते। ऐसे सीनियर सिटीजन्स गुनहगारों के सॉफ्ट टार्गेट बन जाते है। इस लिए बुजुर्गों की रूक्षा बढ़ाने और राज्य में कानून व्यवस्था और भी मजबूत बनाने के लिए राज्य के पोलकिए प्रमुख डीजीपी आशीष भाटिया ने सभी पुलिस अधिकारी को सूचना दी है। 
15 अप्रैल के पहले राज्य में कम से कम 42500 सीनियर सिटीजन्स का पंजीकरण करने की सुचन पुलिस को दी गई है। इसके अलावा गुजरात में माँ बाप और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 2007 में बने कानून का सख्ती से पालन करवाया जाएगा। इसके अनुसार यदि कोई भी अपने बुजुर्ग माता पिता को जाननुझकर त्याग देता है तो उसे कानून के हिसाब से तीन महीने की कैद या 500 रुपए का दंड या दोनों किया जा सकता है। 
पुलिस बनाएंगी सीनियर सिटीजन्स का रजिस्टर
गुजरात पुलिस ने सीनियर सिटीजनों की सलामती के लिए 'नमन, आदर के साथ अपनापन' योजना लागू की है। इस योजना का अमल करने के लिए डीजीपी आशीष भाटिया ने राज्य के तमाम पुलिस स्टेशन को सूचना दी है की हर पुलिस स्टेशन की हद में आने वाले सीनियर सिटीजन, दंपति का पूरा नाम, पता, फोन नंबर, उम्र, रिश्तेदार और पड़ोसियों के नंबर जैसी जानकारिया एकत्रित करे।  
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