अहमदाबाद का रिवर पॉइंट मानो बन गया है स्यूसाइड पॉइंट, हर तीन दिनों में एक मामला सामने आता है

अहमदाबाद का रिवर पॉइंट मानो बन गया है स्यूसाइड पॉइंट, हर तीन दिनों में एक मामला सामने आता है

पिछले 5 सालों में 533 लोगों ने दी है जान, रेसक्यू की ज़िम्मेदारी मात्र दो जवानों के मत्थे

अहमदाबाद के साबरमती नदी के किनारे बना रिवरफ्रंट शहर की शोभा में चार चाँद लगा रह है। पर मानो यह रिवर पॉइंट अब लोगो के घूमने फिरने के लिए नहीं पर आत्महत्या करने का स्थल बन गया हो ऐसा लग रहा है। आए दिन यहाँ से किसी न किसी व्यक्ति के आत्महत्या करने की शिकायत सामने आती रहती है। कुछ ही दिन पहले यहाँ से आयशा नाम की एक महिला ने आत्महत्या की थी। इस घटना की गूंज गुजरात विधानसभा पहुंची थी। इस बीच एक जानकारी के अनुसार, अहमदाबाद रिवरफ्रंट पर हर तीन दिन पर एक व्यक्ति आत्महत्या करता है। 

साल 2017 में सबसे ज्यादा 217 लोगों की हुई थी मौत

रिपोर्ट के अनुसार, साल 2017 में 290 लोगों ने साबरमती में अपनी आखिरी डुबकी लगाई थी। जिसमें से 217 लोगों की मौत हो गई, जबकि 74 लोगों को बचा लिया गया। साल 2018 में 151 लोगों ने नदी में जान देने के इरादे से छलांग लगाई थी, जिसमें से 116 लोगों की मौत हुई थी और 35 लोगों को बचाया गया था। इसी तरह साल 2019 में नदी में छलांग लगाने वाले 108 में से 68 लोगों की मृत्यु हुई थी, तथा साल 2020 में 142 में से 98 लोगों की मृत्यु हुई थी। 

फायर विभाग द्वारा दिये गए सुजाव के कारण कम हुई आत्महत्या की घटना

पिछले 5 साल के अंतराल में 707 लोगों ने नदी में कूद कर जान देने का प्रयास किया था। जिसमें से 533 लोगों की मौत हुई थी। सबसे महत्व की बात यह है कि साबरमती रिवरफ्रंट 12 किलोमीटर लंबा है। जिसमें रेसक्यू की ज़िम्मेदारी मात्र 1 बोट और 2 फायर के जवानों के मत्थे है। इसके अलावा सीसीटीवी केमेरा की कमी भी है। ब्रिज पर से कूद के आत्महत्या करने के किस्सों में जब इजाफा होने लगा तो फायर विभाग द्वारा तंत्र को ब्रिज पर जाल लगाने का आवेदन किया गया, जिसके चलते अत्महत्या के केसों में काफी कमी देखी गई।  

Tags: