बदले प्रारूप के साथ जनवरी से होगा रणजी ट्रॉफी का आरंभ

बदले प्रारूप के साथ जनवरी से होगा रणजी ट्रॉफी का आरंभ

20 खिलाड़ियों के अलावा अधिकतर मात्र 30 से अधिक सदस्यों की नहीं होगी अनुमति

नई दिल्ली, 20 अगस्त (आईएएनएस)| भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने राज्य क्रिकेट निकायों के लिए संशोधित कार्यक्रम जारी कर अगले साल 5 जनवरी से 20 मार्च तक 2021-22 सत्र के लिए रणजी ट्रॉफी में बदलाव का कार्यक्रम रखा है। इसके अलावा भी कई अन्य बदलाव किए गए हैं। सैयद मुश्ताक अली टी 20 टूर्नामेंट 27 अक्टूबर से शुरू होकर 22 नवंबर तक चलेगा जबकि विजय हजारे वनडे ट्रॉफी 1 से 29 दिसंबर तक चलेगा। तीनों टूर्नामेंट इस बार एक समान पैटर्न का पालन करेंगे।
घरेलू सत्र हालांकि 20 सितंबर से महिलाओं के अंडर-19 वनडे मैचों के साथ शुरू होगा। बीसीसीआई सचिव जय शाह ने राज्य निकायों को एक पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी। इस पत्र की एक प्रति आईएएनएस के पास है। पत्र में कहा गया है, "बीसीसीआई भारत सरकार, राज्य नियामक प्राधिकरणों और अन्य संबंधित हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हमारा खेल एक समाधान प्राप्त कर सके। इसके साथ, पूर्ण बीसीसीआई घरेलू क्रिकेट सीजन 2021-22 के लिए एक संयुक्त उद्देश्य है।"
शाह ने पत्र में कहा, "बीसीसीआई सितंबर 2021 में अंडर-19 टूर्नामेंट (दोनों श्रेणियों) से शुरू होने वाले घरेलू क्रिकेट के पूरे सत्र के साथ आगे बढ़ेगा।" पिछले साल के उलट इस बार सैयद मुश्ताक अली टी 20, रणजी ट्रॉफी और विजय हजारे वनडे में एकरूपता रहेगी। प्रत्येक टूर्नामेंट में पांच एलीट समूह होंगे, जिसमें प्रत्येक समूह में छह टीमें होंगी। आठ टीमों का एक प्लेट ग्रुप होगा। पांच एलीट ग्रुप के विजेता सीधे क्वार्टर फाइनल में पहुंचेंगे। प्रत्येक एलीट समूह से दूसरे स्थान पर रहने वाली टीमें और प्लेट समूह की विजेता तीन प्री-क्वार्टर फाइनल खेलेंगी और तीन विजेता क्वार्टर फाइनल लाइन-अप को पूरा करेंगे।
हाल के दिनों में, टीमें नॉकआउट में जाने से पहले लीग चरण में तीन एलीट समूहों और एक प्लेट समूह के साथ 7, 8 या 9 मैच खेलेंगी। बोर्ड ने पिछले महीने एक बयान जारी किया था कि पुरुषों का घरेलू सत्र 20 अक्टूबर से शुरू होगा और रणजी ट्रॉफी तीन महीने की विंडो में 16 नवंबर, 2021 से 19 फरवरी, 2022 के बीच आयोजित की जाएगी। लेकिन अब इन योजनाओं को बदल दिया गया है क्योंकि रणजी ट्रॉफी को अगले साल वापस धकेल दिया गया है। शाह ने पत्र में कहा, "बीसीसीआई घरेलू क्रिकेट सीजन 2021-22 के लिए सभी हितधारकों के साथ फिर से शुरू होने की तारीख की समीक्षा की गई है, क्योंकि कोविड-19 महामारी का प्रभाव विकसित हो रहा है और हम इस बहुत ही चुनौतीपूर्ण समय के साथ मिलकर काम करते हैं।"
बीसीसीआई ने यह भी पुष्टि की कि प्रत्येक राज्य टीम में अधिकतम 30 सदस्य हो सकते हैं, जिसमें न्यूनतम 20 खिलाड़ी शामिल हों। इसका मतलब है कि सहायक कर्मचारी 10 से अधिक नहीं हो सकते। कोरोना महामारी के कारण एक सीजन रद्द होने के बाद अंडर-19 खिलाड़ियों को भी अतिरिक्त एक साल दिया जाएगा। बीसीसीआई के मौजूदा नियमों के मुताबिक कोई अंडर-19 खिलाड़ी घरेलू अंडर-19 टूनार्मेंट के सिर्फ चार सीजनों में भाग ले सकता है। अब वे पांच सत्रों में भाग ले सकते हैं। अंडर 19 क्रिकेट में बीसीसीआई ने 2020-21 सत्र को नजरअंदाज करने का फैसला किया है। नए नियम के मुताबिक अगर कोई खिलाड़ी दो सत्र खेल सकता था और उसने 2019-20 सत्र खेला था, लेकिन कोविड के कारण पिछला सत्र नही हुआ तो अब वह इस सत्र में खेल सकता है। ऐसे ही अगर किसी खिलाड़ी को 4 सत्र में खेलने की अनुमति थी और अपने आखिरी सत्र में वह नहीं खेल पाया, तो अब वह इस सत्र में खेल सकेगा।
इस फैसले से उन खिलाड़ियों को फायदा पहुंचेगा, जो अगले साल वेस्टइंडीज में होने वाले अंडर-19 विश्व कप में खेलने की उम्मीद खो चुके थे। ऐसे खिलाड़ियों को अपना जन्म प्रमाण पत्र दिखाना होगा। जिसमे उनकी उम्र 19 साल या उससे कम होनी चाहिए। वहीं अंडर-16 विजय मर्चेंट ट्रॉफी पर अभी भी अनिश्चितता बरकरार है। ऐसा वैक्सीनेशन कार्यक्रम के कारण हुआ है क्योंकि भारत में 18 से कम उम्र के लोगों के लिए कोई वैक्सीनेशन कार्यक्रम नहीं है। इसलिए इस टूर्नामेंट के लिए तारीख का ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन उम्मीद है कि यह नवंबर-दिसंबर 2021 के बीच होगा।
कोरोना और बायो-बबल को देखते हुए बीसीसीआई ने इस सीजन के लिए खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ की सीमा को भी निर्धारित किया है। बीसीसीआई ने राज्य संघों को लिखे एक ईमेल में कहा है कि एक टीम में अधिकतम 30 लोग रह सकते हैं, जिसमें कम से कम 20 खिलाड़ी हों। वही सपोर्ट स्टाफ की संख्या को 10 तक सीमित किया गया है। कोरोना को देखते हुए प्रत्येक टीम को टीम में एक जनरल फिजिशयन डॉक्टर नियुक्त करने को कहा गया है।