मिस्र में पुरातत्व विभाग को 4500 साल पुराना सूर्य मंदिर मिला!
By Loktej
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खोज से मिले संकेत बताते हैं कि ये पांचवें राजवंश के खोए हुए चार सूर्य मंदिरों में से एक का हो सकता है
हिंदू धार्मिक ग्रंथों में सूर्य को सर्वशक्तिमान मानते हुए सूर्य की उपासना का बड़ा महत्व बताया गया है।दुनिया में सूर्य मंदिरों को लेकर कई सारे रहस्य हैं। प्राचीन काल से ही लोग सूर्य की पूजा करते आ रहे हैं। अब जानकारी के मुताबिक, मिस्र में भी एक प्राचीन सूर्य मंदिर की खोज हुई है। मिस्र में पुरातत्व विभाग द्वारा एक प्राचीन सूर्य मंदिर की खोज की गई है। यह मंदिर 4,500 साल पुराना है। इसके अवशेषों को देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि कच्ची ईंटों से बनी यह संरचना सूर्य मंदिर है। यह मिस्र के प्राचीन साम्राज्य के 2,465 से 2323 ईसा पूर्व तक हो सकता है। इससे पहले पिछले साल भी मिस्र में सूर्य मंदिर के अवशेष मिले थे।
आपको बता दें कि इटली और पोलैंड मिस्र में एक संयुक्त जांच अभियान चला रहे हैं। मिस्र के पुरावशेष और पर्यटन मंत्रालय ने इंस्टाग्राम पर इस खोज की घोषणा की। मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि यह एक संयुक्त इतालवी-पोलिश पुरातात्विक मिशन था। जो राजा नुसेरी के मंदिर पर काम कर रहा है। इस मंदिर के नीचे एक कच्ची ईंट की इमारत के अवशेष मिले हैं। यह मंदिर मिस्र की राजधानी काहिरा के दक्षिण में अबुसीर क्षेत्र में पाया जाता है। यह राजा नुसेरी के मंदिर के अधीन था। मंत्रालय ने कहा कि इमारत पांचवें साम्राज्य के चार लापता सूर्य मंदिरों में से एक हो सकती है। इसका उल्लेख कई ऐतिहासिक पुस्तकों में किया गया है। मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि मंदिर की इमारत के कुछ हिस्सों को पांचवें राज्य के छठे शासक ने अपने समय में नष्ट कर दिया था, ताकि वहां मंदिर बनाया जा सके। अनुसंधान के दौरान पुरातत्व विभाग को इमारत के अंदर कुछ मिट्टी के बर्तन और बीयर के गिलास मिले हैं, जो इसे शोध में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा मैदान के अंदर कुछ टिकट भी मिले हैं, जिन पर पांचवें राज्य के राजाओं के नाम मिले हैं। फोटो में मंत्रालय ने उन स्थलों को भी दिखाया है जहां पुरातत्व विभाग काम कर रहा है।
भगवान आरए का पहला सूर्य मंदिर 19वीं शताब्दी में मिला था, जिसे एक महत्वपूर्ण खोज माना जाता है क्योंकि इससे मिस्र के प्राचीन इतिहास को समझने में मदद मिली है। देश में उपलब्ध छह से सात मंदिरों में से केवल दो मंदिरों की खोज की गई है। हाल ही में सऊदी अरब में भी एक आठ हजार साल पुराने मंदिर के अवशेष मिले हैं। इसमें प्राचीन काल में प्रयुक्त एक वेदी के अवशेष भी हैं। माना जाता है कि ये प्रतीक 8,500 साल से अधिक पुरानी एक बहुत प्राचीन सभ्यता के हैं। इन जीवाश्मों को लेकर शोध भी जारी है। इन अवशेषों के माध्यम से इतिहास की कई टूटी कड़ियों को जोड़ा जा सकता है और कई बातों पर प्रकाश डाला जा सकता है। मिस्र के पुरातत्व विभाग का भी कहना है कि इन अवशेषों से स्पष्ट कहा जा सकता है कि हमारी सभ्यता कितनी प्राचीन है। हमारे मूल्य कितने पुराने हैं। इससे पता चलता है कि प्राचीन काल में भी मिस्र कितना समृद्ध और विविध था। इसके अलावा मिस्र की प्राचीन पूजा परंपरा का इतिहास भी पाया गया है। ऐसा माना जाता है कि यह मिस्र की साढ़े चार हजार साल पुरानी पूजा विधियों पर प्रकाश डालेगा।
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