आर्थिक संकट में घिरा पाकिस्तान, पिछले 20 दिनों में पेट्रोल की कीमतों में 84 रुपये से अधिक की बढ़ोतरी

आर्थिक संकट में घिरा पाकिस्तान, पिछले 20 दिनों में पेट्रोल की कीमतों में 84 रुपये से अधिक की बढ़ोतरी

पाकिस्तान में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 233.89 रुपये, डीजल की कीमत 16.31 रुपये बढ़कर 263.31 रुपये प्रति लीटर

इन दिनों भरार के पड़ोसी देश पाकिस्तान आर्थिक हालत बहुत खस्ता है। पाकिस्तान में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 233.89 रुपये हो गई है। आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में एक दिन में पेट्रोल के दाम में 24 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है. वहीं, डीजल की कीमत 16.31 रुपये बढ़कर 263.31 रुपये प्रति लीटर हो गई है। पाकिस्तानी सरकार ने बुधवार को इसकी घोषणा की। पिछले 20 दिनों में पाकिस्तान में पेट्रोल की कीमतों में यह तीसरी ऐसी वृद्धि है। इस्लामाबाद में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने कहा कि नई कीमतें 15 जून की मध्यरात्रि से लागू हो गई हैं।
पेट्रोल के अलावा केरोसिन की कीमत 29.49 रुपये बढ़कर 211.43 रुपये हो जाएगी। हल्के डीजल की कीमत 29.16 रुपये बढ़कर 207.47 रुपये हो जाएगी। वित्त मंत्री इस्माइल ने कहा कि सरकार के पास पाकिस्तान में उपभोक्ताओं पर अंतरराष्ट्रीय कीमतों के प्रभाव को लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। हमारा देश अभी भी पेट्रोल में 24.03 रुपये, डीजल में 59.16 रुपये, मिट्टी के तेल में 29.49 रुपये और हल्के डीजल तेल में 29.16 रुपये का नुकसान झेल रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार पेट्रोल सब्सिडी पर 120 अरब रुपये खर्च कर रही है। उन्होंने कहा, 'मैं 30 साल से देश को देख रहा हूं लेकिन महंगाई के कारण ऐसी स्थिति मैंने कभी नहीं देखी।' पाकिस्तानी सरकार ने पिछले 20 दिनों में पेट्रोल की कीमतों में 84 रुपये प्रति लीटर से अधिक की बढ़ोतरी की है। पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में वृद्धि का एक और कारण बताते हुए मंत्री ने कहा कि पेट्रोल की अंतरराष्ट्रीय कीमत 120 डॉलर प्रति लीटर थी।
आपको बता दें कि मुश्किल आर्थिक हालात से गुजर रहे पाकिस्तान में खाने-पीने की चीजों के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. इस बीच, पाकिस्तान ने अब अपने नागरिकों से चाय का उपयोग कम करने का आग्रह किया है। पाकिस्तानी सरकार ने हाल ही में अपनी आयात लागत को कम करने के लिए 41 वस्तुओं के आयात पर दो महीने का प्रतिबंध लगाया था। हालांकि, आयात प्रतिबंध से खजाने में ज्यादा इजाफा नहीं हुआ। इससे पाकिस्तान को अपने आयात बिल में करीब 60 करोड़ 60 लाख की कमी करने में मदद मिली है।