तो क्या एलियंस ने कर लिया है नासा के वॉयजर को हैक? क्या है वॉयजर से आने वाले अजीबोगरीब संदेशों का अर्थ

तो क्या एलियंस ने कर लिया है नासा के वॉयजर को हैक? क्या है वॉयजर से आने वाले अजीबोगरीब संदेशों का अर्थ

नासा ने 45 साल पहले वॉयजर-1 भेजा था जो वर्तमान अंतरिक्ष में हमारे सौर मंडल के पार की यात्रा कर रहा है

नासा बहुत समय से परग्रही जीवों या एलियंस से संपर्क साधने की कोशिश में लगा हुआ है। इसी के लिए नासा ने बहुत से अत्याधुनिक यंत्रों और उपग्रहों को सौर्यमण्डल में छोड़ रखे है जो इस उम्मीद पर काम कर रहे हैं कि दिन किसी एलियंस से कोई संपर्क हो पायेगा। इसी क्रम में नासा ने 45 साल पहले वॉयजर-1 भेजा था जो वर्तमान अंतरिक्ष में हमारे सौर मंडल के पार की यात्रा कर रहा है। अब यह वॉयजर कुछ अजीबोगरीब जानकारियां भेजा रहा है, जिसके कारण वैज्ञानिक हैरान हैं। नासा का मानना है कि वॉयजर ठीक से काम कर रहा है, उसका एंटीना सही है लेकिन वो अलग तरह का मैसेज भेज रहा है, जो बाकी डेटा से मैच नहीं खाता है। ये डेटा नासा के लिए जरूरी है इसी से वे तारों के जरिए पृथ्वी की सही दिशा में उसका एंटीना रख सकेंगे। वॉयजर का AACS सिस्टम सही जानकारी नहीं दे रहा है। AACS वॉयर की जगह की जानकारी देने के अलावा वह कई अन्य काम करता है।
इस बारे में नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेट्री की एक प्रोजेक्ट मैनेजर सुजैन डॉड ने वायेजर के इस तरह के व्यवहार को रहस्यमय बताया है। उन्होंने आगे कहा, 'AACS अभी काम कर रहा है, लेकिन वह एरर वाले डेटा भेज रहा है, जिसे सुधारने की कोशिश की जा रही है। फिलहाल अभी वॉयजर में कोई समस्या नहीं देखने को मिली है। एंटीना भी लगातार सिग्नल भेज रहा है, जो इसके सही से काम करने का संकेत है।' 
हालांकि आपको बता दें कि ये कोई पहला मौका नहीं है कि वॉयजर में कोई समस्या आई है। 2017 में उसके थ्रस्ट में खराबी आ गई थी। जिसके बाद एक दूसरे थ्रस्ट 37 साल बाद शुरू किया गया था। इसके बारे में बता दें कि वॉयजर-1 को 1977 में लॉन्च किया गया था। इसने 2012 में हमारे सौर मंडल को छोड़ दिया था और इंटरस्टेलर स्पेस में पहुंच गया। वॉयजर 1 दुनिया में इंसान की बनाई इकलौती वस्तु है जो पृथ्वी से सबसे ज्यादा दूर है। वायजर इस समय पृथ्वी से 23 अरब किलोमीटर दूर है। यह दूरी इतनी है कि पृथ्वी और वॉयजर से एक मैसेज आने और उसे वापस वॉयजर को भेजने में 48 घंटे का समय लग जाता है।
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