श्रीलंका में हालात इतने खराब कि बिजली कटौती के लिये स्ट्रीट लाईटें बंद करनी पड़ रहीं!

श्रीलंका में हालात इतने खराब कि बिजली कटौती के लिये स्ट्रीट लाईटें बंद करनी पड़ रहीं!

टूरिज़म उद्योग को पड़ी मार के कारण श्रीलंका की स्थिति काफी खराब हो चुकी है

भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका में काफी खराब परिस्थिति चल रही है। आर्थिक तंगी और संसाधनों की कमी के चलते हर दिन देश में 13 घंटे बिजली काटी जा रही है। जिसे बिजलीमंत्री पवित्रा वनियाराची ने भी लागू किया है, क्योंकि देश के पास बिजली उत्पादित करने के लिए डीजल नहीं है। जिसके चलते देश भर में बिजली बचाने के लिए पूरे देश में स्ट्रीट लाइट बंद करने का आदेश दिया गया है। 
आर्थिक समस्याओं को लेकर लोग सड़क पर उतर कर हिंसक आंदोलन कर रहे है। गुरुवार को भारी मात्रा में लोग राष्ट्रपति गोटाभाया राजपक्षे के निवास स्थान के बाहर प्रदर्शन कर रहे है। हर कोई पोस्टर दिखाकर सरकार का विरोध कर रहा है। आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में तकरीबन 10 लोग घायल हुये है।
आंदोलन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियो के बीच काफी संघर्ष भी हुआ था। परिस्थिति इतनी बिगड़ गई थी कि स्पेशल टास्क फोर्स को भी बुलाना पड़ा था। पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों को भगाने का प्रयत्न किया गया तो पुलिस पर भी पथराव किया गया। जिसके चलते पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था।
श्रीलंका में पेट्रोल और डीजल की काफी कटौती है। लोगों को लंबे समय तक पेट्रोल और डीजल के लिए लाइन में खड़ा रहना पड़ रहा है। देश में कागज और इंक के समाप्त होने के चलते परीक्षाओं को भी अनियमित काल तक टाल दिया गया है। इन सभी परेशानियों के बीच अब देश के 2.2 करोड़ से भी अधिक लोगों को इस बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है। नागरिकों को 2 वक्त के खाने के लिए भी काफी तकलीफ़ों का सामना करना पड़ रहा है। 
बता दे कि कोरोना के कारण देश के टूरिज़म उद्योग को काफी बड़ी मार पड़ी है। जिसके चलते देश में फ़ोरेन करेंसी काफी कम हो गई है। टूरिज़म देश में फ़ोरेन करेंसी का तीसरा सबसे बड़ा सोर्स है। देश के तकरीबन 5 लाख लोग सीधे तौर पर टूरिज़म उद्योग से जुड़े है, जबकि अप्रत्यक्ष रूप से 20 लाख लोग टूरिज़म पर ही निर्भर करते है। ऐसे में टूरिज़म के कम होने से लोगों को काफी नुकसान पड़ा है और फ़ोरेन करेंसी ना आने से देश का विदेशी मुद्रा भंडार पूरी तरह से खाली हो चुका है। जिसके चलते देश को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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