श्रीलंकाई नागरिकों का हाल बेहाल, 1 लीटर दूध के ₹2000 चुकाने पड़ रहे!

किराने का सामान खरीदने के लिए लोग लंबी लाइन में लग रहे एक सप्ताह के अंदर चावल 500 रुपये प्रति किलो मिलने की संभावना

आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका की स्थिति बहुत दयनीय है। श्रीलंका में आवश्यक वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं। महज दो-तीन दिनों में ही दूध के दाम 250 रुपये जितने बढ़ गए हैं। अब श्रीलंकाई लोगों को एक लीटर दूध खरीदने के लिए 2,000 रुपये चुकाने पड़ रहे है।
बता दें कि श्रीलंका में आवश्यक वस्तुओं, खाद्यान्न और किराने के सामान की कीमतें आसमान छू रही हैं। आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में एक किलो दूध 1975 के श्रीलंकाई रुपए में मिल रहा है। 400 ग्राम दूध खरीदने के लिए 800 तक की कीमत चुकानी पड़ रही है। वहीं किराने का सामान खरीदने के लिए लोग लंबी लाइन में लग रहे हैं। कुछ ही दिनों में अकेले दूध में 250 का इजाफा हुआ है। दूध अब श्रीलंका के लोगों के लिए एक लग्जरी आइटम बन गया है। श्रीलंका के लोग दूध का एक पैकेट खोजने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
बताते चलें कि श्रीलंका में रासायनिक उर्वरकों पर पूर्ण प्रतिबंध ने बुनियादी आवश्यकताओं की कमी पैदा कर दी है। दूसरी ओर चीन में उद्योगों के ठप होने से रोजगार प्रभावित हुआ है। भोजन नहीं होने से लोगों को परेशानी हो रही है। फिलहाल एक किलो चावल की कीमत 290 है। एक सप्ताह के अंदर चावल 500 रुपये प्रति किलो मिलने की संभावना है। शिकायतें थीं कि भारी किल्लत पैदा करने वाले व्यापारियों ने जमाखोरी भी शुरू कर दी है। चीनी की कीमत 290 से बढ़कर 320 श्रीलंकाई रुपये प्रति किलो हो गई है। पेट्रोल पंप के आगे लंबी-लंबी लाइनें हैं।  जवानों की तैनाती से पेट्रोल बेचने की स्थिति पैदा हो गई है।
आर्थिक संकट के लिए श्रीलंका का विदेशी कर्ज भी जिम्मेदार है।  इसके अलावा, श्रीलंका के पास वर्तमान में केवल 1.50 बिलियन विदेशी मुद्रा है, जो तीन साल पहले के 7.5 बिलियन से अधिक थी। इस स्थिति ने बढ़ती महंगाई और बेकाबू महंगाई को जन्म दिया है। आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में 12 घंटे बिजली कटौती की जा रही है।  इस वजह से कई लोग रात को अंधेरे में गुजारते हैं।
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