EU, US, France, Germany, Italy, UK, Canada decide to
— Marc Burleigh (@marcburleigh) February 26, 2022
1. Cut some banks out of the global SWIFT interbank network
2. 'Paralyse' the assets of Russia's central bank
3. Set up a taskforce to go after Russian oligarchs who swan around in luxury in the West#Ukraine
पुतिन की आर्थिक कमर तोड़ने का खाका तैयार, रूस की बैंकों को SWIFT सिस्टम से हटाने की तैयारियां
By Loktej
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अमेरिका, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, इटली, ब्रिटेन और कनाडा के नेताओं द्वारा शनिवार को इस संबंध में एक संयुक्त बयान जारी किया गया
रूस द्वारा युक्रेन पर हमले के बाद विश्व पटल पर हालात गंभीर हो चुके है। एक तरफ रूस युक्रेन में धमाके पर धमाके कर रहा है तो दूसरी ओर से इन सबसे नाराज अमेरिका, कनाडा और यूरोपीय आयोग ने रविवार को रूस के खिलाफ कड़ा कदम इख़्तियार करते हुए अहम प्रतिबंधों की घोषणा की है। इन प्रतिबंधों में स्विफ्ट मैसेजिंग सिस्टम से सेलेक्टेड रूसी बैंकों को बाहर करना भी शामिल है। अमेरिका, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, इटली, ब्रिटेन और कनाडा के नेताओं द्वारा शनिवार को इस संबंध में एक संयुक्त बयान जारी किया गया। इसमें कहा गया कि प्रतिबंधित रूसी कंपनियों और कुलीन वर्गों की संपत्तियों का पता लगाने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक संयुक्त कार्य बल का भी गठन किया गया है।पश्चिमी देशों के नेताओं ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यूक्रेन पर कार्रवाई को गलत ठहराया है और कहा है कि मास्को ये सब सिर्फ यूक्रेन के मनोबल को तोड़ने के लिए कर रहा है।
सबसे पहले स्विफ्ट के बारे में जान लेते है। 1970 में तैयार स्विफ्ट अर्थात् सोसाइटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशन’ दुनिया की प्रमुख बैंकिंग कम्युनिकेशन सर्विस है, जो भारत सहित 200 से अधिक देशों में लगभग 11,000 बैंकों और वित्तीय संस्थानों को जोड़ती है। इस प्रणाली को वैश्विक वित्त व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। अगर रूस इससे बाहर होता है, तो यह उसके लिए एक बड़ा झटका होगा। इस सिस्टम का सबसे ज्यादा इस्तेमाल अमेरिका और रूस के यूजर्स करते हैं। नेशनल एसोसिएशन रॉसविफ्ट के मुताबिक, लगभग 300 रशियन एसोसिएशन इंस्टीट्यूशन स्विफ्ट का इस्तेमाल करते हैं।
Germany, the United States, France, Canada, Italy, Great Britain and the European Commission agreed to cut Russia out of the SWIFT global payment system and include limiting the ability of Russia's central bank to support the rouble https://t.co/m2tkvpMT9v pic.twitter.com/iwmE14XxmB
— Reuters (@Reuters) February 27, 2022
बता दें कि रूस प्राकृतिक तेल और गैस का बड़ा उत्पादक होने के कारण जर्मनी समेत कुछ यूरोपीय संघ (ईयू) के भीतर रूस पर कार्यवाही करने को लेकर असहमति देखी गई, लेकिन रूस को दुनिया भर में स्विफ्ट बैंकिंग नेटवर्क से बाहर करने के लिए ब्रिटेन सरकार ने यूरोप में इस अभियान का नेतृत्व किया और बाद में इस पर सहमति बन गई। साथ ही अमेरिका औऱ उसके सहयोगियों ने कहा है कि, ‘’हम उन प्रतिबंधात्मक कदमों को उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो ‘रशियन सेंट्रल बैंक’ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आरक्षित निधि की आपूर्ति से रोकेंगे, ताकि हमारी ओर से लगाए गए प्रतिबंध के प्रभाव कमजोर न पड़ें।’’
अगर इस प्रतिबन्ध का रूस के बैंकों पर पड़ने वाले असर की बात करें तो रूस के बैंक स्विफ्ट सर्विस के बंद होने से दुनिया भर के वित्तीय बाजारों तक रूस की पहुंच को प्रतिबंधित कर देगा। इससे रूसी कंपनियों के साथ साथ नागरिकों के आयात के लिए भुगतान करना और निर्यात के लिए नगद प्राप्त करना भी कठिन हो जाएगा। साथ ही रूस के लिए सामान बेचना भी जोखिम भरा और अधिक महंगा हो जाएगा। हालांकि रूसी बैंक उन देशों में बैंकों के माध्यम से भुगतान करने के लिए फोन, मैसेजिंग ऐप या ईमेल जैसे वैकल्पिक मैसेजिंग सिस्टम का उपयोग कर सकते हैं, जिन्होंने प्रतिबंध नहीं लगाए हैं। लेकिन वो कम कुशल और असुरक्षित हो सकते हैं। वहीं, लेनदेन की मात्रा भी गिर सकती है और लागत भी बढ़ सकती है।
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