उलटी गंगा : जानें न्यूजीलैंड की गर्भवती महिला पत्रकार को क्यों तालिबान का आसरा लेना पड़ा!

उलटी गंगा : जानें न्यूजीलैंड की गर्भवती महिला पत्रकार को क्यों तालिबान का आसरा लेना पड़ा!

कोरोना नियमों के कारण न्यूजीलैंड सरकार ने बेलिस को देश लौटने से किया मना

दुनिया भर में फिलहाल तालिबान अपने क्रूर शासन के लिए प्रसिद्ध है। पर सोचो यदि आपके पास मात्र तालिबान द्वारा संचालित देश में आसरा लेना पड़े तो!! कुछ ऐसी ही स्थिति हुई है न्यूजीलैंड की पत्रकार शार्लोट बेलिस की, क्योंकि न्यूजीलैंड सरकार द्वारा कोरोना नियमों के चलते उन्हें देश में आने की अनुमति नहीं मिली है। ऐसे में गर्भवती बेलिस को तालिबान शासित अफगानिस्तान में आसरा लेना पड़ा है। ऐसे में उन्होंने न्यूजीलैंड सरकार को तीखा सवाल करते हुये उनकी कोरोना महामारी से निपटने की नीति पर घातक हमले किए है।
द न्यूजीलैंड हेराल्ड में छपी एक रिपोर्ट के में बेलिस ने कहा कि एक समय था जब वह तालिबान सरकार से उनके शासन में महिलाओं की स्थिति, उनके आरोग्य और उनकी सुरक्षा को लेकर प्रश्न कर रही थी। पर लगता है उसे अब यही सवाल खुद के देश की सरकार से करना पड़ेगा। शार्लोट ने बताया कि यदि तालिबान सरकार एक अकेली तथा गर्भवती महिला को सुरक्षा दे सकता है तो न्यूजीलैंड नहीं। बता दे कि न्यूजीलैंड सरकार द्वारा पत्रकार शार्लोट बेलिस को कोरोना नियमों के तहत देश में आने की अनुमति नहीं मिली है। इस बारे में बात करते हुये न्यूजीलैंड के कोविड-19 प्रतिक्रिया मंत्री क्रिस ने बताया की वह जांच करेंगे की बेलिस के मामले में सारे नियमों का पालन हुआ है या नहीं।  
(Photo Credit : abc.net.au)
उल्लेखनीय है की अपने कड़े नियमों के कारण न्यूजीलैंड देश में कोरोना का प्रसार रोकने के लिए तथा कोरोना काल में मृत्युदर को सबसे कम रखने में कामयाब साबित हुआ था। हालांकि विभिन्न देशों में फंसे अपने ही नागरिकों के मामले में वह काफी शर्मजनक स्थिति में है, जैसा की बेलिस के मामले में देखने मिल रहा है। सबसे महत्वपुर्ण बात यह है की पिछले साल तक बेलिस ने अफगानिस्तान में अमेरिका सैनिकों के पुन:आगमन की स्टोरी को कवर किया था और तालिबान से महिलाओं की सुरक्षा के बारे में कई सवाल किए थे। इसके चलते बेलिस को इंटरनेशनल स्तर पर भी काफी पहचान मिली थी। हालांकि अब वह अपने ही देश में नहीं जा पा रही है। कोरोना के दौरान बेलिस ने कई बार न्यूजीलैंड के अधिकारियों को आपातकालीन आगमन के लिए आवेदन किया, पर उसकी विनंतियों का कोई जवाब नहीं दिया जा रहा।