बीमा राशि हासिल करने के लिए कटवा लिए दोनों पैर, फिर भी हाथ में नहीं आई फूटी कौड़ी

बीमा राशि हासिल करने के लिए कटवा लिए दोनों पैर, फिर भी हाथ में नहीं आई फूटी कौड़ी

एक्सीडेंट के कुछ समय पहले ही ली थी 14 हाई रिस्क वाली बीमा पॉलिसी, बीमा कंपनियों को शक गया तो भुगतान में की देरी और कोर्ट में पहुंचा केस

अक्सर लोग अपनी सुरक्षा के लिए बीमा लेते है, जिससे उनके ऊपर आश्रित रहने वाले लोगों को उनकी अनुपस्थिति में सहारा मिल सके। हालांकि कई बार लोग बीमा राशि हासिल करने के लिए गैरकानूनी तरीकों का इस्तेमाल भी करते है। कुछ ऐसा ही किया हंगेरी के इस महाशय ने, जिसके कारण उन्हें अपने दोनों पैर तो गँवाने ही पड़े और साथ ही में वह एक फूटी कौड़ी भी हाथ ना आई। 
विस्तृत जानकारी के अनुसार, हंगेरी के न्यिरकसज़ारी का है। यहाँ एक शख्स ने एक-दो नहीं पर कुल 14 बीमा पॉलिसी लेकर रखी थी। साल 2014 में हुई इस घटना में 54 वर्षीय सेंडर ने अपने दोनों पैर खो दिये थे और उसके बाद से ही वह नकली पैर और व्हीलचेर के सहारे चल रहे है। अपने दोनों पैर खोने के बाद सेंडर ने बीमा कंपनी पर मुआवजे के लिए संपर्क किया था, पर सेंडर की यह चाल पकड़ी गई। दरअसल, जिस दिन सेंडर का एक्सीडेंट हुआ था, उसके कुछ समय पहले ही उसने 14 हाई रिस्क वाली जीवन बीमा पॉलिसी खरीदी थी। पॉलिसी लेने के कुछ ही दिन बाद सेंडर का भयंकर एक्सीडेंट हुआ, इसके चलते बीमा कंपनियों को शक हुआ और उन्होंने क्लेम सेटल करने में देर की। इसके चलते सेंडर कोर्ट गया। 
हालांकि कोर्ट में भी सेंडर की यह चालाकी अंत में नहीं चली। सात साल तक  चली इस जांच में सामने आया की सेंडर ने 23.97 करोड़ के बीमा के मुआवजे के लिए ही जान-बूझकर चलती हुई ट्रेन के आगे सो गया था और उसके पैर कटे थे। इसके चलते उसका क्लेम पास नही किया जा सकता। इस तरह बीमा की रकम हासिल करने के चक्कर में व्यक्ति को अपने पैर भी गँवाने पड़े और एक भी रुपए भी नहीं मिले।
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