अफगानिस्तान : पेट की आग के आगे बेबस पिता, परिवार पालने के लिए अपनी मासूम बेटी का किया सौदा

अफगानिस्तान के राहत शिविर में रहने वाले अब्दुल मलिक ने परिवार को सहारा देने के लिए अपनी 9 वर्षीय एक मासूम बेटी को बेच दिया

तालिबान के सत्ता में आने के बाद से अफगानिस्तान से लगातार दुखद खबरें सामने आ रही है। हाल ही में एक अफगान पिता ने परिवार को सहारा देने के लिए अपनी 9 वर्षीय एक मासूम बेटी को बेच दिया। 55 वर्षीय को बेचते समय पिता की आंख भर आई। उसने कहा, यह तुम्हारी दुल्हन है, उसका ख्याल रखना, इसे मारना मत।
आपको बता दें कि कैंप में अब्दुल मलिक नाम का शख्स अपने 8 सदस्यों के परिवार के साथ रहता है। अब्दुल मलिक ने पिछले महीने कहा था कि उनकी 9 साल की बेटी परवाना मलिक को 55 साल के एक शख्स को बेच दिया गया है। अब्दुल के पास अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए पैसे नहीं बचे थे, इसलिए उसने अपनी बेटी के साथ सौदा किया। अब्दुल के परिवार में 8 लोग हैं और सभी राहत शिविरों में रहते हैं। परिवार को जिंदा रखने के लिए बेटी को बेच दिया है। इससे पहले अब्दुल मलिक ने अपनी 12 साल की बेटी को भी बेचा था। खाने के लिए पैसे नहीं होने के कारण उसने अब इसे दूसरी लड़की को बेच दिया है।
इस मामले पर परिजनों ने कहा कि उनके पास और कोई चारा नहीं है। ऐसे कई बेसहारा परिवारों को जीवित रहने के लिए अपनी बेटियों को बेचने के लिए मजबूर है। अफगानिस्तान में कई परिवार ऐसे हैं जिन्हें अपनी बेटियों को बेचने के लिए मजबूर किया गया है। वहीं परवाना ने कहा कि मेरे पिता के पास न रोटी है, न चावल, न आटा। इसलिए उन्होंने मुझे एक बूढ़े आदमी को बेच दिया है। साथ ही उसके पिता अब्दुल ने कहा कि वह अपनी बेटी को बेचने के अपराधबोध से रात को सो भी नहीं पाते।