इस महिला को जीवन में कभी भी नहीं आए पीरियड्स पर फिर भी प्राप्त हुआ माँ बनने का सौभाग्य, जानें आखिर कैसे?

12 साल की उम्र से ही पता चल गया था बीमारी के बारे में पर नाओमी ने कभी गंभीरता से नहीं ली अपनी हालत

मां बनना किसी भी महिला के जीवन का एक खूबसूरत एहसास होता है। लेकिन कई बार मेडिकल कंडीशन ऐसी हो जाती है कि मां बनना नामुमकिन सा हो जाता है। ऐसा ही कुछ नियोमी एलन के साथ भी हुआ जब उन्हें पता चला कि उनके शरीर में न सिर्फ एक गर्भाशय है बल्कि वह फिर भी मां बनी हैं।
जब स्कॉटलैंड की नियोमी एलन ने अपना पहला अल्ट्रासाउंड किया, तो मेडिकल स्टाफ को लगा कि शायद नियोमी एलन ठीक से पानी नहीं पी रही है। जिससे उसके शरीर में गर्भाशय दिखाई नहीं दे रहा था। एक एमआरआई स्कैन से पता चला कि नाओमी के शरीर में न तो गर्भाशय था और न ही गर्भ। यह तय किया गया कि नाओमी कभी भी स्वाभाविक रूप से मां नहीं बन सकती।
मिरर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नाओमी को इस दुर्लभ स्थिति के बारे में उनके परिवार ने बचपन में बताया था। नाओमी की तबीयत के बारे में उसकी मां को तब पता चला जब वह 12 साल की थी। इस उम्र में लड़कियों को आमतौर पर पीरियड्स होते हैं। लेकिन नाओमी नहीं आई। इसके बाद नाओमी की मां उसे डॉक्टर के पास ले गईं। डॉक्टर ने उसकी काउंसलिंग भी की, लेकिन एओमी उस वक्त मामले की गंभीरता को नहीं समझ पाई। वह आराम से अपना जीवन व्यतीत कर रही थी।
नाओमी को एमआरकेएच नाम की एक दुर्लभ बीमारी थी। एमआरकेएच सिंड्रोम 5,000 महिलाओं में से एक को प्रभावित करता है। नाओमी और भी चौंक गई जब उसके प्रेमी ने एक ही बात बार-बार कही। नाओमी फिर दूसरे रिश्ते में चली गई और उसने अपने साथी को अपनी स्थिति के बारे में बताया। नाओमी और उनके साथी ने सरोगेसी के जरिए अपने जैविक बच्चे को इस दुनिया में लाने का फैसला किया। आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और सरोगेसी के जरिए नाओमी एलन और सैम की बेटी इलियाना दुनिया में आईं।
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