In March 2002, after the fall of Taliban, thousands of Afghan girls were invited to go to the nearest public school to participate in a placement test because the Taliban had burned all female students’ records to erase their existence. I was one of those girls.
— Shabana Basij-Rasikh (@sbasijrasikh) August 20, 2021
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तालिबानों के चंगुल से स्कूल की छात्राओं को बचाने के लिए आचार्य ने जला डाले सारे रिकॉर्ड, जानें क्या कहा
By Loktej
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देश का एक मात्र बोर्डिंग स्कूल चलाने वाली शबाना ने जलाए छात्राओं के सभी रिकॉर्ड, तालिबानों के हाथ नहीं लगने देना चाहती थी आचार्या
अफगानिस्तान पर आतंकवादी संगठन तालिबान ने कब्जा हासिल कर लिया है। इसके चलते सबसे अधिक देश में महिलाएं असुरक्षित महसूस कर रही है। इसके पहले के तालिबानी शासन को याद कर के सभी काफी चिंतित है। तालिबानियों द्वारा खास तौर पर लड़कियों को अपना शिकार बनाया जाता है, इस बात को खास ध्यान में रखते हुये अफगानिस्तान की एक मात्र बोर्डिंग स्कूल के सह-संस्थापक ने एक बड़ा फैसला लिया है।
आतंकवादियों से अपनी स्कूल की छात्राओं को बचाने के लिए बोर्डिंग स्कूल के सह-संस्थापक ने स्कूल के सभी छात्रों का रिकॉर्ड जलाकर खाक कर दिया है। बोर्डिंग स्कूल की संस्थापक और आचार्या शबाना बासिज रसीख ने इस बारे में ट्वीट भी किया है। उनका कहना है की उनको मात्र इस बात का डर सता रहा था की कहीं स्कूल के रिकॉर्ड के माध्यम से तालिबानी बच्चों तक और खास कर के छात्राओं तक ना पहुँच जाये। इसलिए अपनी जान को जोखिम में भी डाल कर उसने वह सबभी रिकॉर्ड जला डाले।
Nearly 20 years later, as the founder of the only all-girls boarding school in Afghanistan, I’m burning my students’ records not to erase them, but to protect them and their families.
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शबाना कहती है कि उसे पता है कि उसे इस कार्य के लिए तालिबानी जान से भी मार सकते है, पर उसे मात्र और मात्र अपने छात्रों को चिंता थी। इस बारे में अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुये शबाना ने कहा कि मार्च 2002 में तालिबान के पतन के बाद हजारो अफघान को लड़कियों के रिकॉर्ड तालिबानों ने जलाकर खाक कर दिये थे, जिसमें वह भी शामिल थी। इसके बाद ही उन्होंने महिलाओं को शिक्षण देना शुरू किया। शबाना ने उन सभी गरीब लड़कियों को पढ़ाने का जिम्मा उठाया जिनके पास देश में से बाहर जाने का कोई विकल्प नहीं था।
शबाना ने कहा कि उसके सभी मित्र जिन्होंने बोर्डिंग स्कूल चलाने में उनकी मदद की थी, फिलहाल सुरक्षित है। उन्होंने खुद के द्वारा सभी रिकॉर्ड जलाने की बात मात्र इस लिए जाहीर की ताकि सभी को यह संदेश मिल सके कि उनकी कोई भी जानकारी तालिबानों तक नहीं पहुंचेगी। शबाना कहती है कि भले ही तालिबानों ने इस बार खुद को महिला के अधिकारों के प्रति जागरूक बताया है पर इस बार भी कुछ बदलने वाला नहीं है।
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