This is how desperate people are trying to hang outside the aircrafts flying out of #Kabul. Unimaginable.
— Ahmer Khan (@ahmermkhan) August 16, 2021
Two people later fell out of aircraft and died.pic.twitter.com/8lc6PgEXiU
भारतीय सैनिक ने किया काबुल एयरपोर्ट के खतरनाक मंजर को बयान, प्लेन में से जब यात्री गिरे वहीं मौजूद थे छेत्री
By Loktej
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काबुल में सिक्योरिटी ऑफिसर के तौर पर काम करते है छेत्री, साथ में भाभी भी थी मौजूद
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से ही भयानक तस्वीरें सामने आ रही है। ऐसे में काबुल एयरपोर्ट पर से जो तस्वीरे सामने आ रही है उसे देखने के बाद कोई भी उसे नहीं भूल पाएगा। इसी बीच यह भी सामने आया था कि दो युवा अफगान तालिबान के चंगल में से बाहर आने के लिए टेकऑफ कर रहे प्लेन पर लटक गए थे। सैंकड़ों फिट की ऊंचाई पर से यह दोनों युवक नीचे गिर आए थे। इस घटना का वीडियो इंटरनेट पर काफी वायरल हुआ था, जिसे लाखों लोगों ने देखा था। अमेरिकन प्लेन से जब वह नीचे गिरा तब वहाँ हजारो पुरुष इन युवकों की सलामती की कामना कर रहे थे। इस समय दहेरादून तैनात पूर्व भारतीय सैनिक अजय क्षेत्री भी मौजूद थे।
अजय छेत्री भारतीय वायु सेना के विमान में 17 अगस्त को अफगानिस्तान से सुरक्षित भारत पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि काबुल में जब वह पहुंचे उसे देखकर वह अभी भी सदमे में है। एक दशक से भी अधिक समय से वहाँ रहने वाले अजय किसी भी स्थिति में शहर को छोडने के लिए बेचेन थे। छेत्री ने कहा कि वह इस घटना को कभी नहीं भूल सकते। अफगानों को लेकार जाने वाले कार्गो विमान को टेकऑफ करने के समय किस तरह विमान के साथ दौड़ रहे थे, इसके कुछ ही समय के बाद उन्होंने दो युवकों को आकाश में से गिरते देखा था।
छेत्री काबुल में सिक्योरिटी ऑफिसर के तौर पर काम करते थे। तालिबान के अफगानिस्तान कि राजधानी पर कब्जा करने के बाद उनका जीवन पूरी तरह से बादल गई। सैंकड़ों लोग एयरपोर्ट पर पहुँच गए थे। परिवार के साथ देहरादून पहुंचे ने कहा कि जब गोलियां चल रही थी, तब वह वहीं सैनिक एयरपोर्ट पर थे जो कि सिविल एयरपोर्ट के पास ही है। छेत्री के साथ उनकी भाभी सविता शाही भी थी, जो कि एक अमेरिकन मेडिकल टीम के सहायक के तौर पर काम करती है। उन्होंने काबुल में भारतीय दूतावास का संपर्क किया था। सविता की रिक्वेस्ट पर दूतावास के अधिकारी दूसरे दिन आने वाले भारत वायुसेना के विमान में पाँच लोगों को बैठाने के लिए सहमत हो गए।
सविता ने कहा भारत पहोंचने की व्यवस्था तो हो गई थी, पर काबुल एयरपोर्ट पर पहुँचना सबसे बड़ी चुनौती थी। उनका सात लोगों का दल सुबह साढ़े तीन बजे कैंप से निकले थे। हालांकि एयरपोर्ट से निकलने के पहले उन्हें काफी चिंता थी की कहीं कोई उन्हें रोक ना ले। हालांकि उस दिन स्थिति थोड़ी अच्छी थी और रास्ते में उन्हें अधिक लोग नहीं मिले। एयरपोर्ट पर भी हर दिन के मुक़ाबले अधिक लोग नहीं थे। फिर भी जब तक इंडियन एयरफोर्स का प्लेन काबुल नहीं पहुंचा था, तब तक वह काफी चिंता में था।
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