तो क्या रशिया कर रहा भारत को नजरअंदाज, अफगानिस्तान मुद्दे पर पाकिस्तान, चीन और अमेरिका को आमंत्रण पर भारत को नहीं
By Loktej
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदर बागची ने कहा, 'अफगानिस्तान के मुद्दे पर नई दिल्ली और मॉस्को के बीच नियमित बातचीत हो रही है।
अफगानिस्तान में तेजी से बदलते हालात पर रूस बैठक करने जा रहा है। खबर है कि इस बैठक में पाकिस्तान, चीन और अमेरिका शामिल हो सकते हैं, जबकि भारत को बैठक का कोई आमंत्रण नहीं मिला है। हालांकि, भारतीय पक्ष ने बैठक में गैर-निमंत्रण को अधिक महत्व नहीं दिया। जानकारी के अनुसार ये ट्रोइका बैठक 11 अगस्त को कतर में होने वाली है। रिपोर्ट के मुताबिक रूस की ओर से बुलाई गई अहम बैठक में भारत को आमंत्रित नहीं किया गया था।
जानकारी के माने तो इस बैठक में चीन, पाकिस्तान और अमेरिका शमिल हो सकता है। पिछले महीने, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने ताशकंद में कहा था कि रूस भारत और अन्य देशों के साथ काम करना जारी रखेगा जो अफगानिस्तान की स्थिति को प्रभावित कर सकते हैं। रूस अफगानिस्तान में शांति लाने के लिए वार्ता के "मास्को प्रारूप" की भी योजना बना रहा है। विदेश मंत्री के बयान के बाद ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि भारत को अगली 'विस्तारित तिकड़ी' में शामिल किया जा सकता है।
आपको बता दें कि रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने संवाददाताओं से कहा, "हम विस्तारित ट्रोइका प्रारूप में अमेरिकियों के साथ-साथ उन देशों के साथ काम करना जारी रखेंगे जो अफगानिस्तान की स्थिति को प्रभावित कर सकते हैं। इसमें मध्य एशिया, भारत, ईरान और संयुक्त राज्य अमेरिका के सहयोगी शामिल हैं।" साथ ही हमारे पास मॉस्को प्रारूप है, जिसमें सभी महत्वपूर्ण दल शामिल होंगे।" ऐसे में एक्सटेंडेड ट्रोइका की बैठक में आमंत्रित नहीं किए जाने के सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदर बागची ने कहा, 'अफगानिस्तान के मुद्दे पर नई दिल्ली और मॉस्को के बीच नियमित बातचीत हो रही है। हम दोनों एक विशेष रणनीतिक साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध हैं।" अफगानिस्तान पर रूस के साथ हमारी नियमित चर्चा होती है।"
उल्लेखनीय है कि अफगानिस्तान में तालिबान का आक्रामक रुख जारी है। इस बीच रूस ने हिंसा को रोकने और युद्धग्रस्त देश में शांति स्थापित करने के लिए दूसरे देशों में पहुंचना शुरू कर दिया है।