जानें किसने गुप्तचरों को दिया आदेश, ‘90 दिनों में खोज निकालो, कोरोना वायरस कहां से आया!?’
By Loktej
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डबल्यूएचओ द्वारा भी फिर एक बार हो सकती है कोरोना वायरस के उत्पत्ति की जांच, चीन से की गई सहयोग करने की अपील
कोरोना की महामारी के कारण दुनिया भर की हालत बिगड़ी हुई है। ऐसे में क्या वाकई कोरोना वायरस प्राकृतिक कारणों से पैदा हुआ है या इसमें किसी की चाल है? यह ढूंढने के लिए अमेरिका ने कमर कस ली है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बुधवार को गुप्तचर एजेंसियों को कोरोना वायरस के उत्थान को ढूंढने के लिए दुगने तेजी से प्रयास करने का निर्देश दिया है। उन्होंने एजेंसियों को 90 दिन के भीतर वायरस का जन्म स्थान ढूंढने के लिए और रिपोर्ट करने को कहा है।
बाइडन ने कहा कि कोरोना वायरस वाकई प्राकृतिक कारण से आया है या किसी दुर्घटना के कारण यह महामारी शुरू हुई है इसका पता लगाना चाहिए। उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रीय प्रयोगशाला में संशोधन कर्ताओ को मदद करने का आश्वासन दिया। अमेरिका ने इस बारे में चीन से भी जांच में सहयोग करने की अपील की। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन भी एक बार फिर से चीन से कोरोना वायरस आया है या नहीं, इसकी जांच करवा सकता है। कोरोना के कारण दुनिया में तबाही मची हुई है और लाखो लोग मर चुके हैं। वहीं अभी तक दुनिया के कई देश पीडित हैं। दुनिया में अब तक लगभग 17 करोड़ लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं और अब तक लगभग 35 लाख से भी अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
बताया जाता है कि जब कोरोना वायरस के उद्भव की जांच चल रही थी, तब चीन में कोरोना वायरस के लिए जानवरों पर हो रही जांच को चीन की ओर से अनदेखी की गई थी। अब फिर से कोरोना की उत्पत्ति जानने के लिए अमेरिका ने चीन पर दबाव बनाया है। हालांकि अमेरिका द्वारा 'कोरोना चीन का षड्यंत्र है' बयान को चीन ने द्वेषयुक्त बताया है। दुनिया भर के कई देश कोरोना के बारे में उचित समय पर जानकारी ना देने के लिए चीन को दोषी मान रहे है।
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