जापान : लघुशंका निपटाने के चक्कर में हो जाता बड़ा कांड, ड्राइवर ने भगवान भरोसे छोड़ी चलती बुलेट ट्रेन

सौभाग्य से कोई दुर्घटना नहीं हुई,ना ही किसी को कोई नुकसान, आपातकाल स्थिति को देखते हुए ड्राइवर और कंडक्टर के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं

मनुष्य को प्राकृतिक काम कभी भी आ सकते हैं। और ऐसे समय पर इंसान का अपना हर जरुरी-गैरजरुरी कार्यों को छोड़कर प्राकृतिक समस्या का समाधान करने  स्वाभाविक है, लेकिन अगर किसी बुलेट ट्रेन का ड्राइवर ड्यूटी के समय अपनी ऐसी किसी समस्या के लिए ट्रेन को भगवन भरोसे छोड़कर अपनी समस्या से निजात पाने चला जाता है तो?? ऐसी ही एक घटना जापान में हुई है जहाँ सुपरफास्ट शिंकानसेन बुलेट ट्रेन के 36 वर्षीय ड्राइवर ने टॉयलेट ब्रेक के लिए 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली ट्रेन को भगवान भरोसा छोड़ दिया। हालांकि सौभाग्य से इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं मिली।
जानकरी के लिए बता दें कि यह घटना जापान के टोकैडो-शिंकानशेन रेलवे लाइन पर हिकारी 644 ट्रेन में हुई। 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रही बुलेट ट्रेन के ड्राइवर को अचानक से आये टॉयलेट के कारण मिनी ब्रेक पर जाना पड़ा और इस दौरान वहां मौजूद कंडक्टर के पास ट्रेन चलाने का लाइसेंस नहीं होने के बावजूद कुछ मिनटों के लिए ट्रेन को नियंत्रित करना पड़ा, जो कानूनन दृष्टिकोण से सही नहीं माना जा सकता।
आपको बता दें कि बुलेट ट्रेन के ड्राइवर के पेट में दर्द हुआ और उसे तत्काल टॉयलेट ब्रेक लेना पड़ा। उस समय ट्रेन में 160 यात्री सवार थे। इस घटना के बाद सभी सुरक्षित थे और कोई दुर्घटना नहीं हुई। सेंट्रल जापान कंपनी के नियमानुसार अगर ड्राइवर को कोई इमरजेंसी होती है तो उसे ट्रांसपोर्ट कमांड सेंटर को इसकी सूचना देनी होती है। ऐसे में अगर कंडक्टर के पास लाइसेंस है तो ही वह ट्रेन की कमान संभाल सकता है।
रेलवे कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी माशाहिरो ने इस घटना को अनुचित बताते हुए जिम्मेदार चालक की तरफ से माफी मांगी। हालांकि आपातकाल स्थिति को देखते हुए ड्राइवर और कंडक्टर के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई है।