पश्चिम बंगाल : नाबालिक लड़की ने समझदारी से लिया काम, चाइल्ड हेल्पलाइन की मदद से रोकी खुद की ही शादी

पश्चिम बंगाल : नाबालिक लड़की ने समझदारी से लिया काम, चाइल्ड हेल्पलाइन की मदद से रोकी खुद की ही शादी

माता-पिता कराने जा रहे थे बाल विवाह, एक आंगनवाड़ी केंद्र पर जाने वाली लड़की को पता था इसका नुकसान

आप क्या सीखते है उससे जरुरी कि उसे अपने जीवन में कैसे उतारते है! एक एक बेहतरीन उदाहरण देखने को मिला पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में जहाँ के एक दूर-दराज के गांव की रहने वाली एक 15 साल की लड़की ने समझदारी दिखाते हुए सही समय पर चाइल्डलाइन को ते फोन कर दिया और अपने बाल-विवाह को रोक दिया। इस तरह किशोरी की बालिग होने से पहले ही उसकी शादी करने में जुटे उसके घरवालों को ऐसा करने से रोकने में सफलता मिल सकी। 

क्या है मामला


मामले में मिली जानकारी एक अनुसार पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के काशीपुर इलाके की एक नाबालिक लड़की पूर्णिमा लोहार (बदला हुआ नाम) एक स्थानीय ‘कन्याश्री’ क्लब की सदस्य है। जो सामाजिक बुराइयों के बारे में जागरूकता पैदा करता है। पूर्णिमा लोहार एक आंगनवाड़ी केंद्र पर लगातार जाती रहती थी। इस दौरान उसने आशा और यूनिसेफ के प्रशिक्षकों से बाल विवाह की बुराइयों के बारे में जानकारी हासिल की थी। इस क्लब के कारण उसे पता था कि शादी करने की कानूनी उम्र 18 साल है।

घर वाले कराना चाहते थे बाल-विवाह


हालांकि कुछ समय पहले उसे पता चला कि उसके घरवाले उसकी शादी करवाने वाले हैं, तो उसने समझदारी से काम्लेते हुए सीखी हुई शिक्षा को अमल में लाया और तुरंत 1098 डायल कर चाइल्डलाइन को सूचित किया कि उसके माता-पिता उसकी पढ़ाई जारी रखने और नर्स बनने की इच्छा के बावजूद जबरन उसकी शादी कर रहे हैं। इसके बाद चाइल्ड हेल्पलाइन ने बच्ची से नाम, पता और अन्य जानकारी मांगी। इसके बाद प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी पूर्णिमा के घर पहुँच गये और माता-पिता को मेरी शादी नहीं करने के लिए राजी किया।

क्या कहते हैं आंकड़े


गौरतलब है कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) के एक सर्वे में पाया गया है कि पश्चिम बंगाल में बाल विवाह की घटनाएं बहुत ज्यादा हैं। इस राज्य मे 40 फीसद महिलाओं की शादी बालिग होने से पहले ही हो जाती है। इसके अलावा बिहार और त्रिपुरा में भी 40 प्रतिशत से ज्यादा महिलाओं का विवाह 18 साल से कम उम्र में हो जाता है।