मध्य प्रदेश : न अपने जान की और न ही आठ माह के बच्चे की थी परवाह, डूब रहे किसान को देखकर नाले में लगा दी छलांग और बचा लाई एक जान, जानिए बहादुर रवीना की कहानी

मध्य प्रदेश : न अपने जान की और न ही आठ माह के बच्चे की थी परवाह, डूब रहे किसान को देखकर नाले में लगा दी छलांग और बचा लाई एक जान, जानिए बहादुर रवीना की कहानी

भोपाल के पास के एक गांव नजीराबाद में रहने वाली एक 32 साल की महिला रवीना ने साहस का ऐसा नमूना पेश किया कि आज हर कोई उनकी तारीफ कर रहा है

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के पास के एक गांव नजीराबाद में रहने वाली एक 32 साल की महिला रवीना ने साहस का ऐसा नमूना पेश किया कि आज हर कोई उनकी तारीफ कर रहा है। रवीना ने ना सिर्फ अपनी जान की परवाह की और न ही अपने 8 महीने के बेटे की, रवीना ने बड़े सहस के साथ तेज धार पानी में डूब रहे एक किसान की जान बचाई है।
मामले में मिली जानकारी के अनुसार हुआ ऐसा था कि गुरुवार की शाम नजीराबाद के पास बहने वाले नाले में 'बाढ़' आ जाने से पानी का प्रवाह बहुत तेज हो गया। पानी की इस तेज धारा में दो किसान बहने लगे। रवीना ने इन्हें डूबता देख, उन्हें बचाने के लिए 32 साल की विवाहिता अपने 8 महीने के बेटे को नाले के पास जमीन पर रख नाले में छलांग लगा दी। उसने बहुत प्रयास किया लेकिन वह केवल एक ही किसान को बचा सकी जबकि दूसरा 25 वर्षीय किसान पानी में डूब गया। किसान का शव शुक्रवार सुबह स्थानीय गोताखोरों की मदद से नजीराबाद पुलिस ने नाले से बरामद किया। अब पुलिस समेत स्थानीय लोग महिला के साहस की सराहना कर रहे है। एसएचओ नजीराबाद ने महिला रवीना को पुरस्कृत किया। वहीं महिला का कहना है कि अगर मौके पर मौजूद लोगों ने उसकी मदद की होती तो वह दूसरे किसान को भी बचा लेती।
इस बारे में एसएचओ नजीराबाद बीपी सिंह बैंस ने बताया कि नजीराबाद के गांव कढैयाशाह निवासी 25 वर्षीय राजू अहिरवार और 23 वर्षीय जितेंद्र अहिरवार सुबह नजीराबाद के खजुरिया गांव स्थित अपने खेत में सोयाबीन की फसल में कीटनाशक का छिड़काव करने गये थे। दोनों गांव के बीच एक नाला बहता है। जब वे अपने खेत को गए थे, तो नाले में कम पानी था। उन्होंने कढैयाशाह गांव के किनारे अपनी बाइक खड़ी की और पैदल ही नाले को पार किया। दोपहर में नजीराबाद में जोरदार बारिश होने के कारण शाम तक पानी से नाला उफना रहा था। नाले में पानी का बहाव तेज था। जितेंद्र और राजू ने नाले को पार करने की कोशिश की। स्थानीय ग्रामीणों ने उन्हें चेतावनी भी दी लेकिन राजू और जितेंद्र ने उनकी एक नहीं सुनी और नाले को पार करने की कोशिश की।
इसके बाद राजू और जितेंद्र तेज धारा में बहने लगे। पास ही कंजर टपरा झोंपड़ी में रहने वाली 32 वर्षीय रवीना घटना को देख रही थी। जैसे ही उसने राजू और जितेंद्र को तेज धारा में बहते हुए देखा, उसने अपने 8 महीने के बेटे को जमीन के ऊपर घास पर रख दिया और बचाने के लिए नाले में कूद पड़ी। रवीना ने अपनी हिम्मत से जितेंद्र को तो बचा लिया लेकिन राजू को नहीं बचा सकी। राजू पानी में डूब गया। घटना के बाद राजू के भाई सुरेश अहिरवार ने नजीराबाद पुलिस को मामले की सूचना दी। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और राजू की तलाश शुरू की। अगले दिन राजू का शव 15 फीट गहरे पानी से बरामद किया गया।