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भारतीय वैज्ञानिकों ने हासिल की बड़ी उपलब्धि, समुद्री जल से यूरेनियम बनाने का प्रयोग रहा सफल
By Loktej
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भारतीय वैज्ञानिकों की यह खोज तब बहुत महत्वपूर्ण होगी जब भारत समेत दुनिया के देश बिजली उत्पादन के लिए विभिन्न वैकल्पिक स्रोत प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं
भारतीय वैज्ञानिकों ने बिजली उत्पादन के प्राकृतिक स्रोत के रूप में समुद्र के पानी से यूरेनियम अंश निकालने में बड़ी सफलता हासिल की है।यह अनूठा और सफल शोध प्रयोग भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया है। मुंबई के जुहू समुद्र से पानी से यूरेनियम निकालने का एक सफल प्रयोग किया गया। आईआईएसईआर के वैज्ञानिकों के इस अनूठे और सफल शोध का विवरण एनर्जी एंड एनवायर्नमेंटल साइंस जर्नल में प्रकाशित किया गया है।
आपको बता दें कि भारतीय वैज्ञानिकों की यह खोज तब बहुत महत्वपूर्ण होगी जब भारत समेत दुनिया के देश बिजली उत्पादन के लिए विभिन्न वैकल्पिक स्रोत प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं। आईआईएसईआर के शोधकर्ताओं की टीम ने एक दुर्लभ आयनिक मैक्रोपोरस मेटलऑर्गेनिक ढांचा विकसित किया है, जो यूरेनियम को प्रभावी ढंग से पकड़ सकता है। वे दो घंटे के भीतर 95 प्रतिशत यूरेनियम पर कब्जा करने में कामयाब रहे, जो कि अन्य मौजूदा सोखने वाले के बिल्कुल विपरीत है। उच्च क्षमता, उत्कृष्ट चयनात्मकता और अल्ट्रा-फास्ट कैनेटीक्स की विशेषताओं को मिलाकर एक उचित शोषक एक लंबी चुनौती रही है।
आईआईएसईआर के वरिष्ठ वैज्ञानिक और इस विशेष प्रयोग के प्रधान अन्वेषक प्रोफेसर सुजीत घोष ने बताया कि सात वैज्ञानिकों की हमारी टीम ने समुद्री जल से यूरेनियम निकालने के लिए एक आयनिक मैक्रोपोरस मेटल-ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क (एमओएफ) विकसित किया है। इस प्रयोग के लिए, हमने जुहू के समुद्र, अरब सागर, मुंबई से पानी की मात्रा एकत्रित की। एमओएफ की मदद से हमारी पुणे प्रयोगशाला में जुहू समुद्र के पानी पर किए गए प्रयोगों के बाद, केवल दो में 96.3 प्रतिशत यूरेनियम प्राप्त हुआ है घंटे। 25 दिनों के लगातार परीक्षण के बाद हमें समुद्र के पानी में 28.2 मिलीग्राम यूरेनियम मिला। हम इस सफल परिणाम से पूरी तरह संतुष्ट हैं। हमें पूरी उम्मीद है कि यह शोध भारत समेत पूरी दुनिया के लिए बेहद उपयोगी और महत्वपूर्ण होगा। आज भारत सहित दुनिया पृथ्वी की उप-भूमि में पाए जाने वाले खनिजों की लगातार घटती मात्रा को लेकर गंभीर रूप से चिंतित है। इस स्तर पर यह शोध पूरे वैज्ञानिक जगत के लिए उपयोगी होगा।
आईआईएसईआर भारत के वैज्ञानिकों के अनुमान के मुताबिक भारत के समुद्र के पानी में करीब 4.5 अरब मीट्रिक टन यूरेनियम जमा है। यूरेनियम की यह मात्रा भी पृथ्वी की उप-भूमि में पाई जाने वाली मात्रा से 1000 गुना अधिक होने की संभावना है। इस समय पूरी दुनिया में 7.5 मिलियन मीट्रिक टन यूरेनियम है।
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