मुंबई : पहले फेसबुक से सहारे खोजती थी काम और फिर घर का सामान लेकर चम्पत हो जाते थी ये नौकरानियां, आप भी जान लीजिये ये मोडस ओपरेंडी

बेंगलुरु पुलिस ने मुंबई से ऐसी तीन नौकरानियों को हिरासत में लिया, फेसबुक का सहारा लेकर देती थी वारदातों को अंजाम

सोशल मीडिया का उपयोग हर इंसान अपने जरुरत के हिसाब से करता हैं। कुछ लोग इसका सही उपयोग करते है तो कुछ इसका उपयोग जुर्म और अपराध के लिए करते है। ऐसे में बेंगलुरु पुलिस ने मुंबई से तीन ऐसी 'नौकरानियों' को गिरफ्तार किया है, जो फेसबुक पर अपनी सेवाओं का विज्ञापन दिया करती और बाद में काम मिल जाने के बाद घरों से कीमती सामान चुराती थीं। इन तीनों नौकरानियों की पहचान प्रियंका राजेश मोगरे (29), महादेवी (26) और वनिता (37) के रूप में हुई है। इस दौरान पुलिस को आरोपियों के पास से 250 ग्राम सोना और 100 ग्राम चांदी भी बरामद हुई है।
आपको बता दें कि पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 'रेफर हाउस मेड' नाम से एक फर्जी फेसबुक पेज चलाने वाली तीनों ने एक बार जब उन्हें घरेलू नौकरानियों के लिए पूछताछ मिली, तो तीन महिलाओं में से एक घर में काम करना शुरू कर देती थी और बाद में कीमती सामान लेकर भाग जाती थी। हाल ही में इन्होने महादेवी ने फर्जी आधार कार्ड बनाया और 5 मई को अरविंद के घर में काम करना शुरू कर दिया। अगले ही दिन अरविंद के परिवार के किसी कारण से बाहर जाने के बाद महादेवी और उसके साथियों ने घर से कीमती सामान चुरा लिया। और वारदात को अंजाम देने के तुरंत बाद सभी अपराधी मुंबई भाग गए।
इस बारे में पुलिस ने बताया बताया कि इन चोरों को मुंबई में भी कई बार गिरफ्तार किया गया है और वे जमानत पर बाहर आने के बाद भी चोरी करते रहे। वनिता के खिलाफ चोरी के 37 मामले हैं। वनिता को 2019 में मुंबई पुलिस ने हीरे का हार, हीरे की अंगूठी और सोने की चेन चुराने के बाद गिरफ्तार किया था। ये चोरों का गैंग मुंबई में आरोपियों ने घरों और अपार्टमेंट के सुरक्षा गार्डों से वादा किया था कि अगर वे काम खोजने में उनकी मदद करेंगे तो वे उन्हें अपना पहला महीने का वेतन देंगे। लेकिन उनके शामिल होने के तुरंत बाद, वे उस समय की प्रतीक्षा करते थे जब घर पर कोई नहीं था और फिर कीमती सामान चुरा लेते थे। उन्हें कई बार गिरफ्तार किया गया। जब उनके लिए मुंबई में काम करना मुश्किल हो गया, तो उन्होंने अपना बेस बेंगलुरु शिफ्ट कर लिया। आरोपी ट्रेनों में बेंगलुरु आते थे, होटलों में ठहरते थे और मुंबई लौट जाते थे। जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि यह गिरोह चोरी के मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर फेसबुक पेज चला रहा था।