बिहार : परीक्षा है या मज़ाक, 100 नंबर के पेपर में छात्र को मिले 555 अंक!
रिजल्ट की कॉपी को विश्वविद्यालय की ऑफिशियल वेबसाइट पर भी अपलोड कर दिया गया, प्रशासन ने मानी अपनी भूल, सुधाने का किया वादा
शिक्षा को लेकर वैसे ही बदनाम बिहार के लिए हवन में घी जैसा मामला सामने आया है। परीक्षा में नकल और विभाग की लापरवाही के कई मामलों के बाद अब बिहार से एक ऐसा मामला सामने आया हैं जिसे जानकर हर कोई हैरान है। बिहार ने इस बार एक विद्यार्थी को पूर्णांक से भी ज्यादा अंक दिए हैं। दरअसल, बिहार के मुंगेर विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। विश्वविद्यालय ने एक विद्यार्थी को ग्रेजुएशन के तीनों पाठ को मिलाकर 800 में से 868 मार्क्स दे दिए हैं। साथ ही स्टूडेंट को पाठ-3 के ऑनर्स के पेपर- 5 में कुल 100 अंक के बदले 555 अंक दिये।
जानकारी के अनुसार मुंगेर यूनिवर्सिटी ने 30 अप्रैल 2022 को 2018-2021 सेक्शन का ग्रेजुएशन का रिजल्ट जारी किया। इस परिणाम में जुमई के केकेएम कॉलेज के इतिहास ऑनर्स के छात्र दिलीप कुमार साह को पार्ट- 3 के पेपर- 5 में 100 में से 555 मार्क्स दिए गए हैं। जिसके कारण उसका कुल प्राप्तांक 1130 हो गया। इसके कारण इसका मार्क्स परसेंटेज भी 108.5 प्रतिशत हो गया है। इतना ही नहीं रिजल्ट की कॉपी को विश्वविद्यालय की ऑफिशियल वेबसाइट पर भी अपलोड कर दिया गया है।
मामला सामने आने के बाद इस मामले में परीक्षा नियंत्रक डॉ रामाशीष पूर्वे ने मीडिया को बताया कि ये बड़ी गलती विश्वविद्यालय प्रबंधन से हुई है। उन्होंने इसे जल्दी ठीक करने की बात कही। मशीनी भूल के साथ-साथ मानवीय भूल का एक उदाहरण बताते हुए उन्होंने कहा है कि यह प्रिंटिंग मिस्टेक है, जहां 55 की जगह 555 हो गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर किसी भी छात्र को किसी तरह की गलती अपनी रिजल्ट में नजर आती है तो इस संबंध में अपने प्राचार्य को आवेदन करें।
वहीं वाइस चांसलर ने कहा है कि अंतिम वर्ष में इस तरह की गलती होना चिंताजनक है। इस मामले में परीक्षा नियंत्रक से जवाब मांगा जाएगा। दरअसल कई तकनीकी कारणों और सही से रिजल्ट प्रकाशन को लेकर ही परीक्षा विभाग दो बार रिजल्ट निकालने के तय समय पर इसे प्रकाशित नहीं कर पाया था।