दक्षिण गुजरात के आसमान में दिखने वाला आग का गोला आखिर क्या था? चर्चाओं का दौर

दक्षिण गुजरात के आसमान में दिखने वाला आग का गोला आखिर क्या था? चर्चाओं का दौर

एक अमेरिकी वैज्ञानिक ने दावा किया कि यह एक चीनी रॉकेट का हिस्सा था

शनिवार की रात भारत के कई हिस्सों में आसमान में अनोखा नजारा देखा गया। दक्षिण गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में लोगों ने काले आसमान को चीरती हुई चमकदार रेखाएं देखीं। साथ ही इस बात की भी अटकलें लगाई जा रही थीं कि यह उल्का बौछार है या कोई सैटेलाइट गिर रहा है या कुछ और। कई लोगों ने इस खगोलीय नजारे को अपने फोन कैमरों में लिया और सोशल मीडिया पर शेयर किया।
जानकरी के अनुसार, गुजरात के दक्षिणी हिस्से जैसे नवसारी, वलसाड, मारोली, सचिन, व्यारा तथा अन्य जिलों में महाराष्ट्र के नागपुर, चंद्रपुर, अकोला, जलगाँव और अन्य जिलों के अलावा, मध्य प्रदेश के इंदौर, खरगोन, ज़बुआ और बड़वानी जिलों में भी कई लोगों ने यह दृश्य देखने का दावा किया है। कुछ खगोलविदों ने बाद में अनुमान लगाया कि यह उल्कापिंड नहीं था, बल्कि एक उपग्रह का हिस्सा हो सकता है जो पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते ही जल रहा था। वहीं एक अमेरिकी वैज्ञानिक ने दावा किया कि यह एक चीनी रॉकेट का हिस्सा था। अमेरिकी वैज्ञानिक जोनाथन मैकडॉवेल ने ट्वीट किया, "मुझे लगता है कि यह एक चीनी रॉकेट चेंग झेंग 3बी था जो पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश कर रहा था।" रॉकेट को पिछले साल फरवरी में लॉन्च किया गया था और जब यह फिर से उतरा, तो वातावरण के संपर्क में आने के कारण इसके कुछ हिस्से जल रहे थे।
मैसाचुसेट्स के कैम्ब्रिज में हार्वर्ड स्मिथसन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स के वैज्ञानिक मैकडॉवेल ने कहा कि चीनी रॉकेट चेंग झेंग 3बी सीरियल नंबर Y77 उसी तरह उतरने वाला था। इसके जलने से आकाश में चमकती हुई रेखाएँ उत्पन्न होती हैं।