लापरवाह डॉक्टरों ने एक जिंदा महिला को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया...
By Loktej
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ग्वालियर-चंबल अंचल के सबसे बड़े अस्पताल जयारोग्य चिकित्सालय समूह में डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां गंभीर हालात में इलाज के लिए ट्रॉमा सेंटर पहुंची महिला को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इसके बाद उसे पोस्टमार्टम के लिए भी रवाना कर दिया। पोस्टमॉर्टम रूम में जाने से पहले जब पति ने आखिरी बार पत्नी का हाथ पकड़ा और नब्ज टटोली तो वह जिंदा निकली। उसके बाद हॉस्पिटल में हड़कंप मच गया। महिला को फिर ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया। अब उसका यहां दोबारा इलाज किया जा रहा है। लापरवाही के सामने आने के बाद अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरकेएस धाकड़ ने एक्शन लिया है और जांच समिति गठित कर लापरवाह डॉक्टर पर कार्रवाई की बात कही है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के महोबा निवासी जामवती सड़क हादसे का शिकार हो गई थीं। उनसे बाद परिजनों ने उन्हें झांसी के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। उनकी गंभीर हालत देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल रेफर कर दिया। यहां जामवंती को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कर दिया गया। डॉक्टरों ने उनकी जांच की और महिला को मृत घोषित कर दिया। जबकि, किसी भी मरीज की डेथ घोषित करने से पहले ECG किया जाना भी जरूरी होता है। लेकिन, ड्यूटी डॉक्टर किशन और एनेस्थीसिया डॉ. इमरान ने महिला को मृत घोषित करते हुए पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।
पोस्टमॉर्टम हाउस के गेट खुलने का इंतजार कर रहे पति ने पत्नी के हाथ को आखिरी बार पकड़ा तो उसके होश उड़ गए। उसने पाया कि पत्नी की नब्ज चल रही है। उसने महिला के सीने पर हाथ रखा तो धड़कन भी चल रही थी, महिला सांस भी ले रही थी। पति तत्काल उसे ट्रॉमा सेंटर लेकर पहुंचा, जहां उसे आईसीयू में शिफ्ट किया गया। परिजनों ने इस मामले में जांच की गुहार लगाई है, लिहाजा जयारोग्य अस्पताल के अधीक्षक ने भी एक्शन लिया है। अधीक्षक डॉ आरकेएस धाकड़ ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई है। जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर लापरवाह डॉक्टर पर कार्रवाई की बात कही है।