महाराष्ट्र : सुपर मार्केटों में वाइन की बिक्री का निर्णय वापस ले सकती है सरकार, पवार के बयान से मिल रहे संकेत

महाराष्ट्र : सुपर मार्केटों में वाइन की बिक्री का निर्णय वापस ले सकती है सरकार, पवार के बयान से मिल रहे संकेत

महाराष्ट्र में मॉल, सुपर मार्केट और किराने की दुकानों में वाइन बेचने की राज्य सरकार द्वारा प्रदान की गई मंजूरी के संबंध में एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने एक महत्वपूर्ण बयान जारी किया है। पवार ने कहा है कि राज्य भर में इस निर्णय के विरोध में उठ रही आवाजों को देखते हुए यदि महाराष्ट्र सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार करे तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। पवार के इस बयान को एक स्पष्ट संकेत के रूप में माना जा रहा है कि महाराष्ट्र सरकार शायद इस निर्णय को वापस ले ले। बता दें कि इस फैसले के संबंध में पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील भी अपना विरोध का सुर प्रकट कर चुके हैं।
एक ऑनलाइन कार्यक्रम में शरद पवार ने अपने बयान में आगे यह भी कहा कि आम लोगों को वाइन और लिकर के बीच का भेद पता नहीं है। शायद इसी कन्फ्यूजन के कारण लोग सुपर मार्केट में वाइन की बिक्री के निर्णय का विरोध कर रहे हैं। लेकिन क्योंकि जनमानस का सूर विरोध का है, इसलिए महाराष्ट्र सरकार शायद उचित निर्णय ले भी सकती है।
एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार (Photo : Wasim Sarvar/IANS)
बता दें कि महाराष्ट्र सरकार के उपरोक्त फैसले के विरोध में देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि वह महाराष्ट्र को मद्यराष्ट्र नहीं बनने देंगे। उन्होंने कहा कि शरद पवार के बयान से स्पष्ट है कि सरकार को लग रहा है कि उससे कहीं गलती हो गई है और यदि सरकार गलती सुधारना चाहती है तो हम उसका स्वागत करेंगे।
उधर महाराष्ट्र के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने तंज कसते हुए कहा कि यदि वाइन और लिकर यानी शराब दो अलग-अलग वस्तु हैं तो शराब की दुकानों पर ‘वाइन शॉप’ का बोर्ड क्यों लगा होता है, वहां लिख देना चाहिए ‘अमृत शॉप’ या ‘मिल्क शॉप।’
विपक्ष की ओर से लगातार हो रही बयानबाजी के बाद सत्तारूढ़ दल के मंत्री नवाब मलिक ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। नवाब मलिक ने कहा है कि भाजपा नेताओं के पास वाइन शॉप और सबसे ज्यादा लाइसेंस हैं। सबसे ज्यादा दुकानें उन्हीं की हैं। क्या वे अपने लाइसेंस सरेंडर करेंगे। मलिक ने कहा कि शराब बनाने, बेचने और पीने में वे आगे हैं और दूसरों को प्रवचन देते हैं।
देखना है कि महाराष्ट्र सरकार सुपरमार्केट हो में वाइन की बिक्री के अपने निर्णय पर अडिग रहती है या उससे पलटती है।