रोचक तथ्य : राजस्थान के पहाड़ों के बीच आई यह नदी उत्पन्न करती है सोना

रोचक तथ्य : राजस्थान के पहाड़ों के बीच आई यह नदी उत्पन्न करती है सोना

कॉपर माइंस के जरिये निकाले जाने वाले वेस्ट के कारण सोने-चाँदी के कई मिनरल हुये जमा, अब तक कई प्रोजेक्ट हो चुके है बंद

राजस्थान के झुंझुनु जिले के खेतड़ी इलाके में पहाड़ों के बीच 56 साल पुरानी नदी सोना उत्पन्न करती है, सालों पुरानी नदी इतनी गहरी है की इसमें कई पहाड़ भी डूब गए है। पिछले 50 सालों में यहाँ से कई तरह की धातु निकली है। इस इलाके की मिट्टी सोने की कीमत से बिक रही है। 8 किलोमीटर तक फैली इस मिट्टी की कीमत 250 करोड़ तक पहुँच गई है। एक विदेशी एजंसी के सर्वे के अनुसार, यहाँ की जमीन में सोना होने की पुष्टि की गई है। 
हिन्दी न्यूज पोर्टल दैनिक भास्कर में छपी रिपोर्ट के अनुसार, कॉपर माइंस से निकलने वाले ताँबे के वेस्ट को यहाँ पाइप के जरिये छोड़ा जाता है। इसके चलते यहाँ सोने-चाँदी के कई मिनरल जमा हो गए और देखते ही देखते यह एक पूरी नदी बन गई। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और भारतीय खान ब्यूरो के भूवैज्ञानिकों ने कृषि तांबे की खदानों की खोज की। इस खदान में एचसीएल ने काम करना शुरू किया। जहां से रोजाना करोड़ों रुपये का तांबा निकलता है। कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक, केसीसी से तांबा निकालने के बाद अतिरिक्त कचरे को टेलिंग बांध में एकत्र किया जाता है। तांबे के निष्कर्षण की प्रक्रिया में 90% अपशिष्ट नष्ट हो जाता है। इस कचरे को टेलिंग कहा जाता है। यहां हर साल 3 मिलियन टन टेलिंग जमा हो जाती है और यह बहुत सख्त मिट्टी बनती जा रही है।
कंपनी के कई प्रोजेक्ट फंड की कमी के कारण बंद हो गए हैं, लेकिन 56 साल से कचरा बाहर निकल रहा है। आज तक प्रतिदिन 30 टन कचरा हटाया जा रहा है। कीमती धातुओं के कारण जमा की गई मिट्टी का मूल्य रु। 250 करोड़ का अनुमान है। कॉपर माइन्स के अधिकारियों के अनुसार, यदि मिट्टी और कचरा बेचा जाता है, तो बंद परियोजना को फिर से शुरू किया जा सकता है। कचरे की जांच एक चीनी कंपनी ने की है। जांच में पता चला कि नदी में कई तरह की कीमती धातुएं थीं।
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