Delhi Police Crime Branch has arrested six members of a gang that was involved in the purchase and sale of newborn babies. The identity of 10 such babies have been established and two babies have been rescued: Crime Branch DCP Rajesh Deo (25.12.2021) pic.twitter.com/4s6mDHkSeF
— ANI (@ANI) December 26, 2021
दिल्ली : मानवता को शर्मशार करने वाला मामला आया सामने,गरीब महिलाओं से बच्चे लेकर अमीरों को बेचने वाले गिरोह का हुआ भंडाफोड़
By Loktej
On
गरीब महिलाओं से बच्चा लेकर जरूरतमंद परिवार को 3 से 4 लाख रुपए में बेचते थे, नवजात बच्चों को बेचने वाले गिरोह के पास से दो बच्चों को बचाया गया
दिल्ली में नवजात शिशुओं को बेचने और खरीदने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। क्राइम ब्रांच ने इस मामले में छह महिलाओं को भी गिरफ्तार किया है। साथ ही इन आरोपियों के पास से दो बच्चों को भी छुड़वाया गया है। उनमें से एक केवल सात या आठ दिन का था। ये गिरोह गरीब महिलाओं से बच्चों को खरीदता है और उन अमीर जोड़ों को बेचता है जिनके कोई संतान नहीं है। इनके कुछ आईवीएफ केंद्रों से कनेक्शन भी मिलते हैं।
जानकारी के अनुसार गिरफ्तार आरोपियों में गगन विहार साहिबाबाद निवासी प्रिया जैन, मंगोलपुरी निवासी प्रिया, पश्चिम पटेल नगर निवासी काजल उर्फ कोमल, शाहदरा निवासी रेखा उर्फ अंजलि, विश्वास नगर निवासी शिवानी उर्फ बिट्टो हैं। उनकी गिरफ्तारी के बाद से उनके पास से दो बच्चे भी मिले हैं। इसी के साथ उनके द्वारा इसी तरह बेचे गए 10 बच्चों को बेचने का मामला भी खुल गया है। आशंका जताई जा रही है कि यह गिरोह लगभग 50 से ज्यादा नवजात शिशुओं को खरीदने-बेचने के धंधे में लिप्त है। गिरोह का मास्टरमाइंड प्रियंका को बताया जा रहा है। जो फिलहाल फरार है। उसके पीछे एसपी संजीव कुमार, इंस्पेक्टर मनोज वर्मा, एसआई प्रकाश और पवन की टीम लगी हुई है।
पुरे घटनाक्रम की बात करें तो सबसे पहले प्रिया जैन, प्रिया और काजल को अपराध शाखा ने गांधी नगर के श्मशान घाट के पास से पकड़ा था। उसके पास से एक नवजात शिशु को बचाया गया है। सात-आठ दिन का बच्चा जल्द ही बेचा जाने वाला था। इसके बाद गिरोह के एक और सदस्य को गिरफ्तार किया गया है। क्राइम ब्रांच के मुताबिक यह गिरोह उन गरीब महिलाओं को अपना निशाना बनाता जिन्हें पैसे की जरूरत होती। पहले वो गरीब महिला को गर्भवती बनवाते और फिर वे उसे पैसे का लालच देकर उससे बच्चे ले जाते। इसके बाद किसी आईवीएफ केंद्र की मदद से एक जरूरतमंद दंपत्ति से संपर्क कर बच्चे को लाखों रुपये में बेच देते थे। ये गिरोह गरीब महिलाओं को एक से दो लाख रुपये देकर उनके बच्चों को खरीदता था। इस मामले में अभी कई खुलासे होने बाकी हैं।
Tags: Crime