'स्किन टू स्किन' का विवादित फैसला सुनाने वाली जज का स्थायी जजों की सूची में नहीं हुआ चयन

'स्किन टू स्किन' का विवादित फैसला सुनाने वाली जज का स्थायी जजों की सूची में नहीं हुआ चयन

सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम द्वारा बॉम्बे हाईकोर्ट के तीन जजों का किया गया स्थायी जजों में समावेश

पिछले दिनों एक आरोपी को यौन हिंसा के मामले से बरी करते हुये जिस जज ने यह बयान दिया की स्किन टू स्किन संपर्क नहीं हुआ इसलिए इस घटना को यौन हिंसा नहीं कहीं जा सकती और इसके चलते आरोपी पर पोक्सो एक्ट के तहत मामला नहीं चलाया जा सकता। इस तरह का विवादित बयान देने वाली जस्टिस गनेडीवाला के नाम पर स्थायी जज नहीं बन सकेगी। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम द्वारा उन्हें स्थायी जज बनाने से इंकार कर दिया था। 
उल्लेखनीय है की जस्टिस गनेडीवाला ने जब यह निर्णय दिया तो चारों और से लोग इस निर्णय के खिलाफ थे। खुद सुप्रीम कोर्ट को यह निर्णय रोकना पड़ा था। हालांकि गनेडीवाला के अलावा अतिरिक्त न्यायाधीश माधव जयाजीराव जामदार, अमित भालचंद्र बोरकर और श्रीकांत कुलकर्णी शामिल है। इसके अलावा कोलेजियम ने जस्टिस अभय आहूजा को बॉम्बे हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए जाने की भी सिफ़ारिश की है। उन्हें चार मार्च, 2022 से नियुक्त किया जाएगा।एक अन्य फैसले में कोलेजियम ने कलकत्ता हाई कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश जस्टिस अनिरुद्ध राय को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। तीन सदस्यीय सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम में प्रधान न्यायाधीश रमना के अतिरिक्त जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस एएम खानविलकर शामिल हैं।

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