शादी करने के लिए अब पहले कटवानी पड़ेगी दाढ़ी और मूंछ, जानें कर्णाटक के कोडवा समुदाय के इस नए नियम के बारे में

शादीशुदा जोड़े को आशीर्वाद देने जा रही महिलाओं के लिए भी बनाया गया नियम; शेम्पेन और केक पर भी लगाया प्रतिबंध

किसी के भी जीवन में शादी एक महत्व का प्रसंग है। अलग-अलग राज्यों में और विभिन्न समुदायों के लोग अपने-अपने रीति-रिवाज और परम्पराओं के अनुसार शादी करते है। हालांकि बदलते हुये समय के साथ शादी कि कुछ प्रथाओं में बदलाव भी आया है। आज कल शादी के बाद लोगों में शेम्पेन की बोतल खोलने का और केक भी काटी जाती है। हालांकि कर्णाटक के कोड़वा समुदाय ने शादियों को लेकर एक बड़ा निर्णय घोषित किया है। 
कर्णाटक के कोडवा समुदाय ने अपने समुदाय की शादियों में शेम्पेन की बोतल खोलने और केक काटने पर संपूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यही नहीं समुदाय द्वारा अन्य भी कई नियम जारी किए गए है। कोडवा के अलावा कुरगी समुदाय के नाम से मशहूर समुदाय की संस्थाओं ने एक मीटिंग आयोजित कर इस बारे में चर्चा की थी। जिसमें उपयुक्त दोनों प्रथाओं को बंद करने का आदेश दिया था। इसके अलावा संस्थाओं ने शादी के दौरान दूल्हे के लिए भी कई सूचनाएँ जाहीर की थी। 
आज कल के फेशन के अनुसार, अधिकतर युवक अपनी बड़ी-बड़ी दाढ़ी रखते है। हालांकि अब से इस समुदाय के युवक शादी के दौरान अपनी यह दाढ़ी लेकर नहीं जा सकेंगे। समुदाय के नए नियम के अनुसार, सगाई के बाद शादी तक दूल्हा अपनी दाढ़ी नहीं बढ़ा सकता। इसके अलावा शादी के दिन उसे पूरी तरह से क्लीन शेव में रहना होगा। दूल्हे के अलावा समुदाय द्वारा मेहमानों के लिए भी नियम बनाया गया है। इसके अनुसार स्टेज पर दूल्हा-दुल्हन को आशीर्वाद देने जाने वलयी महिलाओं को अपने बाल बांधना जरूरी होगा। यदि कोई भी महिला खुले बाल के साथ शादीशुदा जोड़े को आशीर्वाद देने जाएगी तो इसे अशुभ माना जाएगा। 
कोडवा मूल रूप से कर्नाटक के कोडागु जिले का एक जातीय भाषाई समूह है। इस समुदाय की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि ये लोग एक समुदाय में एक साथ रहते हैं। यह जाति समूह कर्नाटक से भारतीय सेना में अधिक से अधिक युवकों को भेजने के लिए जाना जाता है। यह भारत का एकमात्र समुदाय है जिसे बिना अनुमति के हथियार ले जाने की अनुमति दी गई है।

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