IIT मद्रास टीम ने की अनोखी पहल, दिव्यांग लोगों के लिए बनाई स्वदेशी मोटर व्हील चैर; स्कूटर में भी बदला जा सकता है

IIT मद्रास टीम ने की अनोखी पहल, दिव्यांग लोगों के लिए बनाई स्वदेशी मोटर व्हील चैर; स्कूटर में भी बदला जा सकता है

600 से अधिक लोगों को यह व्हीलचैर बेची गई, 150 दिव्यांगों को भेंट स्वरूप दी गई आधुनिक व्हीलचैर

आम तौर पर दिव्यांगों को अपने हर काम के लिए दूसरों पर आधार रखना पड़ता है। इसके अलावा दिव्यांगों के लिए आयात की जाने वाली चैर बिलकुल भी आरामदायक नहीं होती, जिसके कारण उन्हें काफी तकलीफ़ों का सामना करना पड़ता है। दिव्यांगों को होने वाली इस तकलीफ का ध्यान रखते हुये IIT मद्रास से पास हुये स्वस्तिक दस और उनके प्रोफेसर सुजाता श्रीनिवास की टीम ने एक अनोखी पहल की है। इन्होंने अपने नए स्टार्टअप 'नियमोनेशन' के तहत मोटर व्हील चैर बनाकर दिव्यांगों को भेंट के तौर पर दी थी। 
यह इलेक्ट्रिक व्हीलचैर भारत का सर्वप्रथम इलेक्ट्रिक व्हीलचैर है। इस व्हीलचैर को किसी भी सड़क पर चलाया जा सकता है। इसकी अधिकतम गति 25 किलोमीटर प्रति घंटा है। अब तक देशभर में 600 से अधिक लोगों को यह व्हीलचैर बेची गई है, जबकि 150 दिव्यांगों को इसे भेंट स्वरूप भी दिया गया है। 
IIT मद्रास से पास हुये और ओड़ीसा के मूलनिवासी सौरव दास ने कहा कि उन्हें IIT में अपनी ट्रेनिंग के दौरान संशोधन डिजाइन और दिव्यांग केंद्र में उनके ही प्रोफेसर के तहत रिसर्च करने का मौका मिला। उनका कहना है कि उनकी मोटर व्हील चैर काफी आरामदायक है और इससे दिव्यांगों को काफी फायदा होगा। 
इस स्टार्टअप के तहत कंपनी अभी दो तरह के पर्सनालाइज्ड व्हील चैर बेच रही है। पहला Neofly और दूसरा Neobolt, हर किसी के जीवनशैली के अनुसार Neofly व्हीलचैर में बदलाव किए जा सकते है। जबकि Neobolt में अलग-अलग मोटर लगाई गई है, जिसकी सहायता से इस स्कूटर को स्कूटर में भी बदला जा सकता है। एक मोटर चालित व्हीलचेयर एक बार चार्ज करने पर 25 किमी तक चल सकती है। इतना ही नहीं, इसमें ब्रेक, हॉर्न, लाइट और मिरर जैसे सेफ्टी फीचर भी हैं। विकलांगों के लिए प्रोफेसर की इस पहल का लोग स्वागत कर रहे हैं।
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