दुनिया का सबसे महंगा इंजेक्शन भी नहीं बचा सका वेदिका की जान, माता-पिता सहित सभी दाता शोकाकुल
By Loktej
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पिछले महीने ही दिया गया था वेदिका को इंजेक्शन, नहीं देखने मिला हालात में कोई भी बदलाव
SMA यानि की स्पाइनल मस्कूलर एट्रोफी, एक ऐसी बीमारी जिसमें बालक के स्नायु कमजोर हो जाते है और शरीर में पानी की कमी हो जाती है। स्तनपान करने में भी बालक को दिक्कतों को सामना करना पड़ता है। महाराष्ट्र की वेदिका शिंदे भी इसी बीमारी से पीड़ित थी। जिसके इलाज के लिए जरूरी इंजेक्शन को भी वेदिका के माता-पिता ने क्राउड़ फंडिग के जरिये जमा किया था।
वेदिका को इंजेक्शन दे भी दिया गया और कुछ ही समय में सोशल मीडिया पर वेदिका काफी मशहूर भी हो गई थी। पर मानो भगवान से परिवार की यह खुशी अधिक समय तक देखी नहीं गई। रविवार की रात को वेदिका ने दुनिया को अलविदा कर दिया। वेदिका की मौत के बाद उसके इलाज के लिए मदद करने वाले सभी लोग काफी सदमे में आ गया। सबका मात्र एक ही सवाल था कि आखिर इंजेक्शन देने के बाद भी वेदिका की मृत्यु हो कैसे हो गई?
रविवार की देर शाम वेदिका को सांस लेने में काफी दिक्कत होने लगी। जिसके चलते उसे अस्पताल मे भर्ती किया गया। पर देर रात उसकी मौत हो गई। बता दे की SMA की बीमारी एक काफी गंभीर बीमारी है और इसके लिए यह इंजेक्शन ही आखिरी उपाय होता है। हर साल दुनिया भर में तकरीबन 60 बालक इस बीमारी के साथ पैदा होते है, जिसमें से कई बालक मृत्यु को भी प्राप्त होते है।
बीमारी के लिए इस्तेमाल होने वाला झोलजेन्समा इंजेक्शन मात्र अमेरिका, जापान और जर्मनी में बनाया जाता है। पर इस केस में वह इंजेक्शन भी वेदिका को अधिक समय तक जिंदा नहीं रख पाया था।
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