हिमाचल बाढ़ : 9 अभी भी लापता, मुख्यमंत्री ने प्रभावित परिवारों से की मुलाकात
By Loktej
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मृतकों के परिवार को 4 लाख रुपए के अलावा आपदा ग्रस्त परिवार वालों की मदद करने का भी दिया आश्वासन
शिमला, 13 जुलाई (आईएएनएस)| हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में भारी बारिश के बाद आए सैलाब के कारण फंसे पांच ग्रामीणों को बचा लिया गया है। बचाव दल ने मंगलवार को कहा कि एक सुदूरवर्ती गांव में अचानक आई बाढ़ के कारण हुए भीषण भूस्खलन से कई घर और दुकानें क्षतिग्रस्त हो गईं और एक व्यक्ति की मौत हो गई। नौ लोग अब भी लापता हैं।
अधिकारियों ने मौके से फोन पर आईएएनएस को बताया कि सोमवार देर शाम शुरू हुए आठ घंटे के अभियान के बाद राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने पांच लोगों को बचाया है। उन्हें आशंका है कि लापता नौ लोग या तो शाहपुर अनुमंडल के बोह पंचायत के सबसे बुरी तरह प्रभावित रूलहर गांव के एक बड़े इलाके में फैले कीचड़ के ढेर में फंसे हो सकते हैं या फिर वह बाढ़ के पानी में बह गए होंगे। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कांगड़ा जिले की बोह घाटी में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया और बाद में प्रभावित परिवारों से मुलाकात की।
उन्होंने हुए नुकसान का जायजा लिया और क्षेत्र के प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने जिला प्रशासन को प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं पुनर्वास कार्य युद्ध स्तर पर शुरू करने के निर्देश दिए। ठाकुर ने कहा कि मृतकों के परिवारों को 4,00,000 रुपये प्रदान किए जाएंगे और आपदा में जिन लोगों के घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें आर्थिक मदद दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की एक टीम जिला प्रशासन के साथ बचाव और राहत कार्यों में समन्वय कर रही है और लापता लोगों का पता लगाने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने सिरमौर के उपायुक्त राम गौतम से भी फोन पर बात की और पांवटा साहिब अनुमंडल में गिरि नदी के सैलाब में फंसे लोगों को निकालने के बारे में जानकारी ली। कांगड़ा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विमुक्त रंजन ने मीडिया को बताया कि बचाव अभियान जारी है। उन्होंने बताया कि अचानक आई बाढ़ में 11 घर या तो बह गए या क्षतिग्रस्त हो गए हैं। रूलहर गांव के नौ लापता लोगों में चार महिलाएं शामिल हैं। यहां के मौसम ब्यूरो ने अगले 24 घंटों में कांगड़ा, हमीरपुर, मंडी, बिलासपुर, शिमला, सिरमौर और सोलन जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश जारी रहने की संभावना जताई है। इसके बाद बारिश की तीव्रता कम हो सकती है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने मीडिया को बताया कि भारी बारिश से भूस्खलन हो सकता है, निचले इलाकों में बाढ़ आ सकती है, नालों में भारी बहाव हो सकता है और नागरिक सुविधाओं में व्यवधान आ सकता है।
(Disclaimer: यह खबर सीधे समाचार एजेंसी की सिंडीकेट फीड से पब्लिश हुई है। इसे लोकतेज टीम ने संपादित नहीं किया है।)
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