केरल का यह व्यक्ति करता है चूहों की खेती, विभिन्न रंगो के चूहों का कर रहा है पालन

केरल का यह व्यक्ति करता है चूहों की खेती, विभिन्न रंगो के चूहों का कर रहा है पालन

केरल के फिरोज को 8 साल की उम्र से ही पशुओं के प्रति लगाव, 1000 से भी अधिक चूहों का कर रहे है पालन

कहते है कि कुछ नया करने से ही दुनिया में नया नाम होता है। बस कुछ ऐसा ही किया केरल के फिरोज खान ने। आम तौर पर आपने सभी से फल, सब्जियों की और धान की खेती करते हुये सुना होगा। पर केरल के कुंडेथोड़ में रहने वाले फिरोज खान चूहों की खेती करते है। यही नहीं इन चूहों की खेती कर फिरोज खान काफी पैसे भी कमा रहे है। 
विस्तृत जानकारी के अनुसार, फिरोज को बचपन से ही प्राणियों के प्रति काफी लगाव था। जब वह मात्र आठ साल का था, तभी से मछलियाँ पालने का काफी शोख था। इसके बाद उन्होंने पंछी, खरगोश, मुर्गियाँ, बतक और बिल्लियों को भी पालना शुरू किया। पर अभी भी उसे कुछ अलग करना था। इसी बीच फिरोज के कुछ दोस्त विदेश से कुछ चूहे लाएँ थे। जिसके बाद फिरोज का चूहों के प्रति प्रेम शुरू हुआ था। जिसके बाद धीरे-धीरे उन्होंने चूहों की खेती शुरू की थी।  
फिरोज ने चूहों को पालने के लिए खास प्रकार के पोट्स बनाये। जिसे फिरोज ने अपने छत पर बनाया है। फिरोज ने चूहों के लिए विभिन्न प्रकार के खिलौने भी बनाए है। फिरोज सभी चूहों का काफी अच्छी तरह से ख्याल रखता है। फिरोज के पास सफ़ेद, काले, भूरे और एंबर कलर के 1000 से अधिक चूहे है। इन सभी को खाने के लिए वह धान, सब्जी और फल देता है। फिरोज कहते है कि चूहों का गर्भावस्था का समय 19 से 21 दिन का होता है। जिसके बाद वह एक साथ 8 से लेकर  21 बच्चों को जन्म देते है। फिरोज कई चाहने वाले लोगों को पिंजरे के साथ चूहे देते भी है। हालांकि उनके हाथ में चूहों को सौंपने के लिए वह उन्हें ट्रेनिंग भी देते है। 
जानवरों का पालन करने के अपने अनुभवों को लोगों के साथ साझा करने के लिए उन्होंने दो किताबें भी लिखी है। फिरोज बताते है की चूहों को पालन करने के लिए उनकी पत्नी जसीला, पुत्र शाहुल खान और शाहबास खान भी उनकी मदद करते है। फिरोज का अपना एक यूट्यूब चेनल भी है, जिसका नाम है 'खान का होम पेट'। फिरोज आज भी अपनी नई यात्रा में हमेशा कुछ न कुछ नया ढूंढते रहते है
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