दादी-पोती शौचालय में रहने को मजबूर, सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीर तो आया उबाल!
By Loktej
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आवास योजना में आया था नाम, रिश्वत नहीं दे सकी तो आवास पर्यवेक्षक ने निकाल दिया नाम
देश के कई हिस्सों में आज भी बुजुर्गों की दयनीय हालत की खबरे आए दिन समाचारों में सामने आती है। एक ऐसी ही तस्वीर नालंदा के दिरीपर गाँव से असमने आई है, जहां एक बुजुर्ग महिला की खराब हालत देखने के बाद सिस्टम के खिलाफ सवाल उठाना लाज़मी हो जाता है। दिरीपार गाँव की रहने वाली कौशल्या देवी की हालत देखकर हर किसी का मन पसीज जाएगा। अपनी पौत्री के साथ शौचालय में रहकर अपनी जीवन गुजारने वाली कौशल्या देवी का जीवन काफी मुश्किल परिस्थिति में गुजर रहा है।
दादी और पौत्री दोनों एक शौचालय में रहने के लिए मजबूर है। उनके पास रहने के लिए घर नहीं है और इसके कारण उन्हें शौचालय में रहने को लाचार है। ऊपर से उनके ऊपर 10 साल की पौत्री जी ज़िम्मेदारी भी है। लाचार दादी और उनकी पौती दोनों गाँव में ही रहकर भीख मांगकर जीवन बिता रहे है। धूप और पानी से बचने के लिए शौचालय के ऊपर ही छत बनाकर रखा है। महिला की इतनी उम्र होने के बाद भी उन्हे कोई भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। ऐसे में प्रशासन द्वारा उनकी कोई खबर नहीं ली जा रही है।
जहां एक तरफ सरकार, प्रशासन और समाज सेवा समाज द्वारा उपेक्षित और परिवार द्वारा उपेक्षित लोगों के उत्थान के लिए लंबे भाषण देती है। वहीं दूसरी और सरकार और प्रशासन द्वारा द्वारा महिलाओं के विकास के द्वारा किए गए सभी वादों के बीच भी कौशल्या देवी सभी लाभ से वंचित है। पूर्व सरपंच रवीश कुमार ने बताया कि 2017 की आवास योजना में कौशल्या देवी का नाम आया था। पर उस समय तत्काल आवास पर्यवेक्षक ने योजना का लाभ देने के बदले कौशल्या देवी से नकद राशि की मांग की।
पूर्व सरपंच ने बताया की गरीब होने के कारण कौशल्या देवी उन्हें पैसे नहीं दे सकी थी। इसलिए उसने उनका नाम निकाल दिया। कौशल्या देवी 75 साल की है और उनके घर में कोई पुरुष नहीं है। ऐसे में उनके ऊपर आई तकलीफ़ों को देखकर किसी का भी मन पसीज जा रहा है। सोशल मीडिया पर भी कौशल्या देवी की कहानी काफी वायरल हो रही है, जिसके बाद से कई लोगों ने कौशल्या देवी के प्रति अपनी सहानुभूति व्यक्त की थी।