कोरोना के कारण साफ हुआ पूरा परिवार, पूरे परिवार में बची 8 और 6 साल की दो मासूम बच्चियाँ

11 दिनों के अंदर एक के बाद एक मृत्यु को प्राप्त हुये परिवार के चारों वयस्क

देशभर में कोरोना का कहर जारी है। महामारी की दूसरी लहर में लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। महामारी के इस दौर में कई दिल दहला देने वाले दृश्य सामने आई है। ऐसा ही एक हृदय विदारक मामला उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक सोसाइटी से सामने आया है। जहां एक फ्लैट में रहने वाले 6 सदस्यीय परिवार में से सभी बड़े 4 सदस्यों की मौत कोरोना वायरस से हो गई। सभी परिवार के मर जाने के बाद परिवार में अब केवल दो लड़कियां हैं, जिनकी उम्र मात्र 8 और 6 साल है। 
घटना गाजियाबाद के क्रॉसिंग रिपब्लिक इलाके की एक सोसायटी की है। महज 11 दिनों में एक के बाद एक परिवार के 4 सदस्यों की मौत हो गई। घटना के बाद से सोसाइटी के तमाम लोग सहमे हुए हैं। गाजियाबाद के क्रॉसिंग रिपब्लिक इलाके में पंचशील वेलिंगटन सोसाइटी के रहने वाले 67 वर्षीय दुर्गेश प्रसाद जो की मूल रूप से जम्मू के रहने वाले थे और सेवानिवृत्त शिक्षक थे, कुछ दिन पहले कोरोना संक्रमित हो गए। कोरोना होने के बाद उन्होंने घर में आइसोलेट कर खुद का इलाज किया,  हालांकि 27 अप्रैल को उनका निधन हो गया।
बाद में दुर्गेश प्रसाद का बेटा और बहू भी कोरोना से संक्रमित हो गए। दोनों को ग्रेटर नोएडा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। बेटे और बहू के बाद दुर्गेश प्रसाद की पत्नी संतोष कुमारी कोरोना संक्रमित हो गई। जिनका इलाज उनके घर पर चल रहा था। इस बीच दुर्गेश के बेटे अश्विनी का चार मई को अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। दूसरे दिन अश्विनी की माता संतोष कुमारी का भी स्वर्गवास हो गया था। पूरे घर में मात्र अब मात्र दोनों बच्चों की माता निर्मला ही वयस्क के तौर पर बची थी। पर 7 मई को निर्मला का भी निधन हो गया। 
पूरे परिवार में अब सिर्फ दो मासूम बच्चियां ही बची है, जिसके कारण पूरे समाज में मातम के साथ भय का माहौल भी फैला हुआ है। घर में बचे हुये दोनों बालको को उनकी बुआ के यहाँ बरेली भेज दिया गया है। स्थानीय लोगों का कहना है की दुर्गेश कुमार और उनके परिवार को समय रहते योग्य इलाज नहीं मिला। जिसके कारण उनकी मौत हो गई थी।