जानें आखिर क्यों सिद्धू ने लहराया अपनी छट पर काला झंडा

जानें आखिर क्यों सिद्धू ने लहराया अपनी छट पर काला झंडा

किसान आंदोलन को पूरे हुये 6 महीने, किसानों द्वारा घोषित किया काला दिवस

पंजाब के असंतुष्ट कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू दिल्ली की सीमा पर किसानों के आंदोलन के छठे महीने के मौके पर किसानों के समर्थन में उतर आए हैं। पंजाब के विधायक ने 3 कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के समर्थन में पटियाला और अमृतसर में अपने आवासों पर काला झंडा फहराया है। पटियाला के अपने घर पर काला झंडा फहराने के साथ ही नवजोत सिंह सिद्धू ने सरकार के खिलाफ कड़ा मोर्चा खोल दिया है।
उन्होंने कहा कि पंजाब आज 3 काले कानूनों के खिलाफ लड़ रहा है। कानून किसानों की आय में कटौती करने के लिए बनाया गया है। छोटे व्यापारियों और मजदूरों के पेट में लात मारने के लिए कानून बनाया गया है। पंजाब इस कानून के खिलाफ संघर्ष कर रहा है। क्रिकेट की दुनिया से राजनीति में आए नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने सभी लोगों से किसानों के समर्थन में आगे आने की अपील की है। उन्होंने कहा कि पंजाब के विकास का हर रास्ता किसानों से होकर जाता है। सिद्धू ने कहा, यह काला झंडा मेरे घर से काले कानून की अस्वीकृति का संकेत है। जब तक काला कानून खत्म नहीं हो जाता, वे काला झंडा नहीं उतारेंगे।
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने वीडियो में कहा कि पिछले 20-25 साल से घटती आमदनी, बढ़ते कर्ज ने किसानों को परेशान किया है और पंजाब के किसानों को आंदोलन करना पड़ रहा है। केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए ये तीन कानून किसान, मजदूर और व्यापारी के पेट में लात मार रहे हैं। बता दें, तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के धरने को 6 महीने खतम हो जाएँगे और इस दिन को काले दिवस के रूप में मनाने के लिए संगठन के आह्वान पर किसान रैलियाँ निकाल रहे है। भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के पंजाब के नेताओं ने दावा किया की पंजाब से बड़ी संख्या में किसान दिल्ली सीमा की ओर मार्च कर रहे हैं। किसान संगठनों ने कृषि कानूनों के खिलाफ एकजुटता व्यक्त करने के लिए मजदूरों, श्रमिकों और व्यापारियों सहित सभी वर्गों से घरों, दुकानों और औद्योगिक इकाइयों पर काले झंडे फहराने की अपील की है।
उल्लेखनीय है की, नवजोत सिंह सिद्धू ने पिछले कुछ दिनों में ऐसे बयान दिए हैं जो पंजाब सरकार के खिलाफ ही हो गए है। यही वजह है कि हाल ही में पंजाब सरकार के कुछ मंत्रियों ने पार्टी स्तर पर नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की थी। नवजोत सिंह सिद्धू ने एक बयान में कहा कि पार्टी के नेता भी मानते है राज्य की नॉकरशाही भी बादल परिवार ही चला रहे है। जिस पर काफी बवाल मची थी।