राघव जुयाल की जरूरत वाले गांवों को गोद लेने की अपील
By Loktej
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साथी दोस्तों और दानदाताओं के आगे आने से अभिभूत हुये अभिनेता, लोगों की मदद करने के लिए करेंगे यथासंभव प्रयास
मुंबई, 24 मई (आईएएनएस)| डांसर, कोरियोग्राफर और अभिनेता राघव जुयाल कोविड महामारी की दूसरी लहर के बीच विशेष रूप से ग्रामीण उत्तराखंड में लोगों की मदद करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। राघव ने इस पहल से प्रेरित करने के बारे में बात करते हुए आईएएनएस को बताया, "मेरे परिचितों और मुझे ग्रामीण उत्तराखंड से कोविड 19 सकारात्मक रोगियों के लिए ऑक्सीजन और जीवन रक्षक उपकरणों के लिए संकटपूर्ण कॉल आ रहे हैं। हमने कुछ सरकारी अधिकारियों से संपर्क किया है। हमें बताया गया कि इस समय हर तरफ से मदद महत्वपूर्ण है। सरकार ने हमें उत्तराखंड में हर संभव तरीके से समर्थन करने का भी आश्वासन दिया है।"
29 वर्षीय देहरादून के राघव ने उन लोगों का आभार व्यक्त किया जो इस नेक काम में उनके साथ खड़े रहे। राघव ने कहा '' मेरे दोस्त, परिचित, अनुयायी, हमारे स्वयंसेवक, टीवी और फिल्म उद्योग के दोस्त, सरकारी अधिकारी और दुनिया भर के दानदाता को देखकर मैं चकित और अभिभूत हूं कि इस पहल में हर कोई हमारे साथ कैसे खड़ा है।'' यह पूछे जाने पर कि राघव और उनकी टीम ने राज्य में आम लोगों की मदद के लिए अब तक क्या किया है, उन्होंने बताया, '' हम अधिकारियों और फील्ड स्वयंसेवकों की मदद से पौड़ी गढ़वाल की मदद के लिए कुछ डी टाइप सिलेंडर भेजने में सक्षम थे। इस उपलब्धि ने मुझे प्रेरित किया। और अब हमारे पास हिमालय की दूर दराज की पहाड़ियों में जरूरतमंद ग्रामीणों की जान बचाने के लिए पहाड़ी जिलों के लिए कई और ऑक्सीजन सिलेंडर, दवाएं और बिस्तर आ रहे हैं।''
वर्तमान में 130 से अधिक स्वयंसेवक, ज्यादातर देश के विभिन्न हिस्सों से, मरीजों को एम्बुलेंस, ऑक्सीजन बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर, आईसीयू बेड, रक्त दाता आदि खोजने में हमारी मदद कर रहे हैं। लोग लॉजिस्टिक्स का प्रबंधन करने के लिए 10 जिलो में जमीन पर भी काम कर रहे हैं। उनसे पूछा गया कि अगर आलोचक उनके हावभाव को पब्लिसिटी स्टंट कहें तो वे जवाब में क्या कहेंगे? राघव मुस्कुराए, और कहा '' आलोचकों की हमेशा किसी भी चीज और हर चीज के बारे में एक राय होगी। उत्तराखंड के लोगों की मदद के लिए जो कुछ भी करना होगा, मैं करूँगा। मैं अपने दोस्तों, अनुयायियों और आलोचकों से एक साथ आने और मदद की जरूरत वाले गाँवों को गोद लेने के लिए टीमों का निर्माण करने की अपील करता हूँ। देश के किसी भी गांव को गोद लिया जा सकता है, हमें बस इतना करना है कि तत्काल मदद के लिए हाथ बढ़ाएं।''
(Disclaimer: यह खबर सीधे समाचार एजेंसी की सिंडीकेट फीड से पब्लिश हुई है। इसे लोकतेज टीम ने संपादित नहीं किया है।)