67 साल के यह बुजुर्ग रोज चढ़ जाते है पीपल के पेड़ पर, ऑक्सीज़न लेवल है इतना

67 साल के यह बुजुर्ग रोज चढ़ जाते है पीपल के पेड़ पर, ऑक्सीज़न लेवल है इतना

पेड़ पर बैठे बैठे है करते है योग और प्राणायम, पेड़ पर से ही करते है लोगों से बात

मध्य प्रदेश में कोरोना का हॉटस्पॉट बनते इंदौर में एक बुजुर्ग ऑक्सीजन और प्रकृति प्रेम की मिसाल पेश कर रहे हैं। रंगवासा के 67 वर्षीय राजेंद्र पाटीदार ने ताजी हवा और ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए 24 घंटे ऑक्सीज़न प्रदान करने वाले पीपल के पेड़ पर अपना शिविर लगाया है। सुबह से शाम तक जब भी उनके पास समय होता है, वह एक पीपल के पेड़ पर चढ़ जाते हैं और एक कुर्सी पर बैठ जाते हैं। मजेदार बात तो यह है कि इनका ऑक्सीजन लेवल भी 99 रहता है।
राजेंद्र पाटीदार को इस उम्र में भी पेड़ पर चढ़ने में महारत हासिल है। वे नियमित रूप से अपनी कुर्सी लेकर पेड़ पर चढ़ जाते है और वहाँ अपनी बैठक लगाते है।  इसके साथ ही वह कपाल भाति, प्राणायाम और अन्य योग भी वही बैठे बैठे करते हैं। पिछले 15 से 20 दिनों से पीपल के पेड़ पर बैठने की राजेंद्र पाटीदार की यह पहल ग्रामीणों को भी प्रेरणा दे रही है। पाटीदार ग्रामीणों को पीपल के पेड़ का महत्व भी समझाते हैं। पहले तो उनका परिवार उनके इस तरह पेड़ पर चढ़ने का विरोध कर रहा था, लेकिन अब पूरा परिवार उनका समर्थन करता है।
राजेंद्र जब पेड़ पर होते है और उस दौरान अगर किसी को राजेंद्र से बातचीत करनी है तो वह पेड़ पर बैठकर ही बात करते हैं। उनका दावा है कि जो लोग पीपल के पेड़ के सानिध्य में रहते है उन्हें कभी भी कोरोना नहीं हो सकता और न ही उनका ऑक्सीजन लेवल कभी कम हो सकता है। राजेंद्र पाटीदार एक किसान हैं और उनके घर के आसपास 2 से 3 पीपल के पेड़ हैं। जब उन्होंने सुना कि अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के कारण कई लोगों की मौत हो गई है, तो उन्होंने एक अलग तरीका अपनाया और पीपल के पेड़ पर बैठने का फैसला किया।
पिछले 15 दिनों से पीपल के पेड़ पर बैठे पाटीदार का कहना है कि 67 साल की उम्र में भी उनका ऑक्सीजन लेवल 99 है। पेड़ पर चढ़ने-उतरने से उनका शरीर फिट रहता है और वह दिन भर तरोताजा महसूस करते हैं। वे इसका श्रेय पीपल के पेड़ को ही देते हैं। इस बीच उनके पोते कनिष्क पाटीदार भी अपने दादा की मदद करते हैं। वह भी अब अपने दादा के साथ पेड़ पर बैठता है।