इस जगह पर नहर में बहते मिले रेमडेसीवीर इंजेक्शन
By Loktej
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कोरोना ने पूरी दुनिया में खलबली मचा रखी है। भारत में अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन और इंजेक्शन की कमी की खबरें लगातार सुर्खियों में रही हैं। वहीं जगह-जगह से नकली दवाओं और इंजेक्शनों की कालाबाजारी की खबरें भी मिल रही हैं। वहीं प्रशासन भी काला बाजारियों के खिलाफ कड़ा रूख अपनाये हुए हैं। इसी क्रम में पंजाब में एक जगह से नहर में 600 से ज्यादा रेमडेसीवीर इंजेक्शन बहते पाए गए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पंजाब में भाखड़ा नहर में पुलिस को रेमडेसीवीर इंजेक्शन बड़ी मात्रा में पानी में गरक मिले। साथ ही एंटीबायोटिक इंजेक्शन सेफोपेराजोन भी बरामद हुए। रेमडेसीवीर के 671 इंजेक्शनों और सेफेपरज़ोन के अलावा 1500 इंजेक्शनों के अलावा लगभग 850 बिना लेबल के इंजेक्शन पाए गए हैं। हालांकि, यह तुरंत स्पष्ट नहीं हो सका कि इंजेक्शन असली थे या नकली।
ज्ञातव्य है कि कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच रेमडेसीवीर इंजेक्शन की मांग बढ़ गई है। कई डॉक्टर और अस्पताल इसे कोरोना रोगियों के इलाज के लिये उपयोग कर रहे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक नहर में बहते मिले इंजेक्शनों को देख हर कोई दंग रह गया था। रोपड़ के पास चामकौर साहेब क्षेत्र के लोगों ने इन दवाओं को नहर में बहते देखा। तुरंत स्थानीय पुलिस और स्वास्थ्य विभाग को बुलाया गया। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी आपात स्थिति में घटनास्थल पर पहुंचे और दवाओं को जब्त कर लिया। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग के एक ड्रग इंस्पेक्टर तेजिंदर सिंह के अनुसार पाये गये इंजेक्शन में से कुछ पर एक सरकारी आपूर्ति का लेबल है, लेकिन उस पर राज्य का नाम नहीं लिखा है। वर्तमान में इन दवाओं का परीक्षण यह देखने के लिए किया जा रहा है कि वे असली हैं या नकली। ड्रग इंस्पेक्टर के मुताबिक रोपड़ में इन कंपनियों का कोई स्टॉकिस्ट नहीं है। डीएसपी सुखजीत सिंह विर्क ने मीडिया को बताया कि मामले की जांच जारी है।
इसी बड़ी मांग के कारण मजबूरी में लोग इन इंजेक्शनों को ऊंचे दामों पर खरीदने के लिए भी बेबस हैं। कुछ जगहों पर, 45,000-50,000 रुपये की कीमत पर रेमडेसीवीर के इंजेक्शन बेचे जाने की खबर है। तो कुछ लोग रेमडेसीवीर के नकली इंजेक्शन बेच रहे हैं। ऐसे सभी लोगों के खिलाफ सख्त पुलिस कार्रवाई की जा रही है।
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